Shivani Gupta
18 Oct 2025
बेंगलूरू। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के सनातन धर्म को लेकर दिए गए बयान पर विवाद तेज हो गया है। भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए इसे जनभावनाओं का अपमान बताया है। दरअसल, सिद्धारमैया ने लोगों से सनातन की संगति से दूर रहने की अपील की थी। इस पर भाजपा ने पलटवार करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री अपनी विफलताओं से ध्यान भटकाने के लिए RSS पर बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं।
भाजपा सांसद जगदीश शेट्टार ने मुख्यमंत्री के बायन पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, सिर्फ अपनी सुविधा और नाकाम प्रशासन को छुपाने के लिए वे ऐसे बयान दे रहे हैं। राज्य में कानून-व्यवस्था पूरी तरह विफल है, भ्रष्टाचार चरम पर है। ध्यान भटकाने के लिए वे बिना किसी सबूत के आरएसएस पर आरोप लगा रहे हैं।
वहीं, विश्व हिंदू परिषद के नेता विनोद बंसल ने कहा, एक ऐसे मुख्यमंत्री, जिनके माता-पिता के नाम में 'राम' है, पत्नी का नाम 'पार्वती' है, और जो खुद को 'सिद्धारमैया' कहलाते हैं, वो लोगों को 'सनातनियों' की संगति से दूर रहने की सलाह दे रहे हैं। उनके मंत्री तो यहां तक कह चुके हैं कि 'सनातन' को खत्म कर देना चाहिए, क्योंकि यह डेंगू और मलेरिया फैलाता है। वे आरएसएस और बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने की बात करते हैं। ये कैसी मानसिकता है? वे जितना सनातन से दूर जाएंगे, मतदाता भी उनसे उतनी ही दूर हो जाएंगे। वे यह बात क्यों नहीं समझ पा रहे?
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के नेता राजीव तुली ने भी मुख्यमंत्री के बयान पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, आरएसएस से कांग्रेस की दुश्मनी नई नहीं, बल्कि बहुत पुरानी है। 1948 में, महात्मा गांधी की हत्या से एक हफ्ते पहले पंडित नेहरू ने एक मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर पूछा था आरएसएस के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं हो रही? मैं आरएसएस को कुचल दूंगा। उसी वर्ष, नेहरू ने सरदार पटेल पर संघ पर प्रतिबंध लगाने का दबाव बनाया। हालांकि, प्रतिबंध लगने के 28 दिन बाद ही सरदार पटेल ने नेहरू को पत्र लिखकर बताया कि उन्हें जानकारी मिली है कि महात्मा गांधी की हत्या में आरएसएस की कोई भूमिका नहीं थी। इसके बाद प्रतिबंध हटा लिया गया।
आगे उन्होंने कहा, 1975 में इंदिरा गांधी के शासन में फिर से आरएसएस पर प्रतिबंध लगाया गया, जो 1977 में हटाया गया। इसी तरह, कांग्रेस सरकारों ने तीन बार आरएसएस पर प्रतिबंध लगाया पहले पंडित नेहरू, फिर इंदिरा गांधी और फिर नरसिम्हा राव के समय। लेकिन हर बार उन्हें यह प्रतिबंध वापस लेना पड़ा। उन्होंने कहा ए.ओ. ह्यूम द्वारा बनाई गई कांग्रेस पार्टी शुरू से ही भारतीयता, राष्ट्रवाद और सनातन हिंदुत्व के खिलाफ रही है। उन्होंने पहले भी इसका विरोध किया और आज भी कर रहे हैं। आज कांग्रेस की हालत सभी के सामने है।
दरअसल, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने हाल ही में एक बयान में नागरिकों से अपील करते हुए कहा, अपनी संगति सही रखें। ऐसे लोगों के साथ जुड़ें जो समाज के हित में काम कर रहे हैं, न कि उनके साथ जो सामाजिक बदलाव का विरोध करते हैं, जैसे कि सनातनी। उन्होंने जनता से आग्रह किया कि वे प्रगतिशील और तार्किक सोच वाली ताकतों का साथ दें, ताकि समाज में समता और विकास को बढ़ावा मिल सके।