Aakash Waghmare
21 Oct 2025
Mithilesh Yadav
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भोपाल में गणेशोत्सव के अंतिम चरण पर शनिवार सुबह से ही विसर्जन की धूम मच गई। शहर के छह बड़े घाटों पर मूर्तियों का विसर्जन शुरू हो गया है। बड़ी मूर्तियों को क्रेन से तालाब में उतारा जा रहा है, जबकि छोटी मूर्तियों के लिए कुंड बनाए गए हैं। राजधानी में कुल 33 जगहों पर विसर्जन कुंड और स्टॉल तैयार किए गए हैं, जहां ढोल-ढमाकों और जयकारों के बीच बप्पा को विदाई दी जा रही है।
खटलापुरा, प्रेमपुरा, संत हिरदाराम नगर बैरागढ़, हथाईखेड़ा डैम, शाहपुरा और आर्च ब्रिज सहित प्रमुख घाटों पर मूर्तियों का विसर्जन किया जा रहा है। यहां सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। गोताखोर और पुलिसकर्मी 24 घंटे तैनात हैं। हादसों से बचने के लिए पानी में उतरकर मूर्ति विसर्जन की मनाही की गई है। बड़ी मूर्तियों के लिए क्रेन और छोटी के लिए अलग कुंड उपलब्ध हैं।
भीड़ को नियंत्रित करने के लिए नगर निगम ने बड़े घाटों के अलावा वार्ड और जोन स्तर पर 100 से ज्यादा विसर्जन कुंड तैयार किए हैं। इन कुंडों पर छोटी मूर्तियों का विसर्जन कराया जा रहा है। साथ ही लोगों की धार्मिक भावनाओं का पूरा ध्यान रखा जा रहा है।
हिंदू उत्सव समिति के अध्यक्ष चंद्रशेखर तिवारी ने बताया कि शनिवार शाम 7 बजे से सेंट्रल लाइब्रेरी से सामूहिक विसर्जन जुलूस निकलेगा। यह जुलूस इतवारा, मंगलवारा, हनुमानगंज, जनकपुरी, सिंधी मार्केट और सोमवारा होते हुए कमलापति घाट पहुंचेगा। इसमें करीब 200 झांकियां शामिल होंगी।
विसर्जन घाटों पर पूजा सामग्री (फल, फूल, नारियल आदि) इकट्ठा करने की अलग व्यवस्था की गई है। अनुमान है कि करीब 60 टन निर्माल्य निकलेगा। नगर निगम इसे एकत्र कर जैविक खाद बनाने की तैयारी कर रहा है। पिछले दो दिनों से ही सामग्री एकत्र की जा रही है।
भोपाल में गणेश विसर्जन के इस महापर्व को लेकर प्रशासन, निगम और पुलिस की टीम लगातार निगरानी में है। श्रद्धालु उल्लास और भक्ति के साथ बप्पा को विदाई दे रहे हैं।