Shivani Gupta
9 Dec 2025
भोपाल। राजधानी के राजाभोज अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट के ग्राउंड फ्लोर पर तैयार किया गया नया डोमेस्टिक अराइवल एरिया अब पूरी तरह बन गया है और उपयोग के लिए तैयार है। फर्स्ट फ्लोर से ग्राउंड फ्लोर तक पहुंचने के लिए एस्केलेटर, लिफ्ट और सीढ़ियों की व्यवस्था भी पूरी कर दी गई है। अब यात्री फ्लाइट से उतरते ही एरोब्रिज के माध्यम से सीधे इसी नए अराइवल ज़ोन में पहुंच सकेंगे, जिससे उनके आगमन की प्रक्रिया और भी सुगम हो जाएगी।
ग्राउंड फ्लोर पर कन्वेयर बेल्ट से यात्रियों को मिलेगी राहत
वहीं ग्राउंड फ्लोर पर यात्रियों की सुविधा के लिए दो नए कन्वेयर बेल्ट भी लगाए गए हैं, जिससे सामान लेने की प्रक्रिया पहले से ज्यादा तेज और आसान हो जाएगी। यात्री अपना बैगेज लेते ही सीधे टर्मिनल के बाहर निकल सकेंगे। जनवरी 2026 से इस नई व्यवस्था के औपचारिक रूप से लागू होने की संभावना है। इसके बाद एयरपोर्ट का संचालन और स्पष्ट रूप से विभाजित हो जाएगा। जिसमें फर्स्ट फ्लोर से डिपार्चर और इंटरनेशनल अराइवल, जबकि ग्राउंड फ्लोर से केवल डोमेस्टिक अराइवल संचालित किया जाएगा।
नई व्यवस्था से भीड़ होगी कंट्रोल
मौजूदा टर्मिनल बिल्डिंग वर्ष 2011 में तैयार की गई थी, जिसकी क्षमता लगभग 25 लाख यात्रियों प्रति वर्ष है। अभी तक अराइवल और डिपार्चर दोनों ही फर्स्ट फ्लोर से संचालित होने के कारण, फ्लाइट timings के दौरान टर्मिनल के बाहर काफी भीड़ जमा हो जाती थी। नए एटीसी भवन के बनकर तैयार होने के बाद एयरपोर्ट अथॉरिटी का कार्यालय ग्राउंड फ्लोर से शिफ्ट कर दिया गया था। इसी खाली हुए हिस्से को अब पूरी तरह विकसित करके नया डोमेस्टिक अराइवल ज़ोन बनाया गया है।
इस व्यवस्था के शुरू होने के बाद राजाभोज एयरपोर्ट भी दिल्ली, मुंबई और अन्य बड़े एयरपोर्ट्स की तरह अलग-अलग तल पर अराइवल और डिपार्चर की सुविधा देगा, जिससे यात्री प्रवाह अधिक सुव्यवस्थित और सहज हो सकेगा।
एयरपोर्ट निदेशक : हैंडलिंग क्षमता में होगी वृद्धि
एयरपोर्ट निदेशक रामजी अवस्थी के अनुसार, बढ़ती यात्री संख्या को देखते हुए टर्मिनल का पुनर्गठन तेजी से किया जा रहा है और इसमें आधुनिक सुविधाएँ भी जोड़ी जा रही हैं। ग्राउंड फ्लोर का नया डोमेस्टिक अराइवल ज़ोन पूरी तरह तैयार है और इसके जनवरी से शुरू होने की संभावना है।
उन्होंने बताया कि इसके बाद मौजूदा अराइवल क्षेत्र को पुनर्विन्यास कर अंतरराष्ट्रीय अराइवल और डिपार्चर के रूप में विकसित किया जाएगा। इससे एयरपोर्ट की यात्री हैंडलिंग क्षमता में उल्लेखनीय बढ़ोतरी होगी और संचालन भी अधिक सुगम बनेगा।