Mithilesh Yadav
8 Oct 2025
वॉशिंगटन। क्या आपने कभी किसी व्यक्ति को कैंसर जैसी गंभीर बीमारी को बिना दवा, बिना सर्जरी मात देते देखा है? अमेरिका के माइक फ्रीमॉन्ट ने यह कर दिखाया। 103 वर्षीय अमेरिकी धावक माइक फ्रीमॉन्ट ने अपने जीवन की कहानी से दुनिया को हैरान कर दिया है।
69 साल की उम्र में कोलन कैंसर और गठिया जैसे गंभीर रोगों से जूझ रहे माइक को डॉक्टरों ने केवल कुछ महीनों की ज़िंदगी का समय दिया था। लेकिन उन्होंने न तो हार मानी और न ही दवाओं पर निर्भर रहे। इसके बजाय उन्होंने अपना जीवन पूरी तरह बदल दिया-शाकाहारी आहार, प्राकृतिक जीवनशैली और नियमित मैराथन दौड़ के सहारे।
माइक ने अपनी बीमारी को चमत्कार नहीं, बल्कि डिसिप्लिन और प्रकृति-आधारित जीवनशैली का परिणाम बताया है। उन्होंने अमेरिका के यूट्यूब चैनलों को दिए इंटरव्यू में बताया कि कैसे उन्होंने मिचियो कुशी की किताब ‘The Cancer Prevention Diet’ पढ़ने के बाद शुद्ध शाकाहारी (Plant-based Macrobiotic) आहार अपनाया और अपनी दिनचर्या को पूरी तरह बदल दिया।
माइक ने बताया कि उन्होंने प्रोसेस्ड फूड, मांस, तेल और शक्कर को पूरी तरह त्याग दिया। उनके आहार में ब्राउन राइस, उबली सब्जियां (केल, गाजर, पत्ता गोभी), समुद्री शैवाल, बीन्स आदि शामिल रहे। उन्होंने खुद को पूरी तरह मैक्रोबायोटिक और शुद्ध शाकाहारी बना लिया। 1994 से अब तक माइक इस सख्त शाकाहारी डाइट का पालन कर रहे हैं।
माइक के अनुसार, उन्होंने कभी कोई फैंसी जिम या रूटीन नहीं अपनाया। उन्होंने 98 साल की उम्र तक हर हफ्ते तीन बार 10 मील दौड़ लगाई। वे आज भी नियमित रूप से फिजिकल एक्टिविटी करते हैं- रोजाना सीढ़ियां चढ़ते हैं, पुल-अप्स करते हैं, कैनो (डोंगी) चलाते हैं और लंबी सैर करते हैं।
जब ट्यूमर हटाने की जरूरत पड़ी, तो डॉक्टरों को माइक के शरीर में कैंसर फैलने के कोई लक्षण नहीं मिले। उन्होंने 35 जगहों पर जांच की, सब रिपोर्ट्स साफ आईं। माइक का दावा है कि ‘मेरी डाइट और एक्टिव जीवनशैली ने मुझे बचा लिया।’
हालांकि, डॉक्टरों का कहना है कि हर व्यक्ति की स्थिति अलग होती है, इसलिए किसी भी गंभीर बीमारी में पेशेवर चिकित्सा सलाह लेना आवश्यक है।