भोपालमध्य प्रदेश

Video : जिसे तेंदुआ समझ रहे थे वह टाइगर निकला, भोज यूनिवर्सिटी कैंपस के सीसीटीवी में दिखी मूवमेंट

भोपाल। मप्र की राजधानी में अब खतरनाक जंगली जानवर घुसने लगे हैं। भोज यूनिवर्सिटी के कैंपस में शनिवार को घूम रहे जिस जानवर को तेंदुआ समझा जा रहा था, वह टाइगर (बाघ) निकला। कुलपति के बंगले के गेट पर लगे सीसीटीवी की रिकॉर्डिंग में बंगले की बाउंड्रीवॉल के अंदर टाइगर घूमता दिख रहा है। वहीं, रविवार रात को भी कैंपस में उसका मूवमेंट देखा गया।

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फुटप्रिंट से तेंदुआ समझा गया था

भोज यूनिवर्सिटी कैंपस में ही कुलपति सोनवलकर का बंगला है। शनिवार रात करीब साढ़े 12:30 बजे के करीब बंगले की बाउंड्रीवॉल के अंदर किसी जानवर के गुर्राने की आवाज सुनाई दी। वह जानवर करीब रात डेढ़ बजे तक कैंपस में ही घूमता रहा। इसकी सूचना रात में ही वन विभाग को दी गई। जब टीम मौके पर पहुंची तब तक जानवर जा चुका था। कैंपस में गीली मिट्‌टी पर जानवर के कुछ फुटप्रिंट मिले, जिसे तेंदुए के फुटप्रिंट समझा गया था।

सीसीटीवी देखकर सबके होश उड़ गए

कुलपति के बंगले के बाहर गेट पर दो सीसीटीवी लगे हैं। रविवार को सीसीटीवी रिकॉर्डिंग नहीं निकाली गई थी। सोमवार को जब रिकॉर्डिंग निकाली, तो नजारा देख सबके होश उड़ गए। जिस जानवर को तेंदुआ समझा जा रहा था, वह टाइगर था। करीब एक घंटे अधिक समय तक वह कुलपति के बंगले के बाहर बाउंड्रीवॉल के भीतर ही घूम रहा था।

आसपास रहता है बाघ का मूवमेंट

दरअसल, कोलार रोड पर भोज यूनिवर्सिटी चूना भट्‌टी और सर्व-धर्म पुल के बीच में है। इसके बीचोंबीच से कलियासोत नदी निकली है। वहीं, इसके पीछे वाल्मी की पहाड़ी है। केरवा क्षेत्र भी कुछ दूर ही है। केरवा और कलियासोत का इलाका बाघ का एरिया है। इसलिए यहां अक्सर इनका मूवमेंट रहता है। समझा जा रहा है कि बाघ कलियासोत नदी के रास्ते भोज कैंपस में पहुंचा होगा।

स्वर्ण जयंती पार्क में नहीं मिला तेंदुआ

बता दें कि 25 दिसंबर 2021 को भोज यूनिवर्सिटी के ठीक सामने स्वर्ण जयंती पार्क में तेंदुए का मूवमेंट देखने को मिला था। इसके बाद सर्चिंग की गई थी, लेकिन तेंदुआ नहीं मिल पाया था। तेंदुए की दहशत में लोगों के लिए करीब 20 दिन तक पार्क बंद रखा गया था।

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