नई दिल्ली। बिहार के बाद अब देश के 12 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में मतदाता सूची का स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (Special Intensive Revision - SIR) शुरू होने जा रहा है। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसकी घोषणा करते हुए बताया कि इस चरण की प्रक्रिया 28 अक्टूबर 2025 से शुरू होकर 7 फरवरी 2026 तक चलेगी।
यह 103 दिनों की व्यापक प्रक्रिया होगी, जिसमें नए मतदाताओं के नाम जोड़े जाएंगे, गलतियों को सुधारा जाएगा और मृत या स्थानांतरित मतदाताओं के नाम हटाए जाएंगे।
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इस बार SIR प्रक्रिया में शामिल राज्य और केंद्रशासित प्रदेश हैं। उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, गुजरात, गोवा, केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, पुडुचेरी, अंडमान-निकोबार द्वीप समूह और लक्षद्वीप। हालांकि, अगले साल विधानसभा चुनाव वाले पश्चिम बंगाल में SIR किया जाएगा, लेकिन असम को इससे बाहर रखा गया है। मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि असम में नागरिकता से जुड़े नियम अलग हैं, इसलिए वहां मतदाता सूची का पुनरीक्षण अलग प्रक्रिया के तहत किया जाएगा।

मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने बताया कि SIR शुरू करने से पहले आज रात (27 अक्टूबर) से इन सभी राज्यों की मतदाता सूचियां फ्रीज कर दी जाएंगी। इसके बाद 28 अक्टूबर से 3 नवंबर तक फॉर्म प्रिंटिंग और ट्रेनिंग सेशन होंगे, जिसके बाद 4 नवंबर से मैदान में काम शुरू होगा।
| तिथि | प्रक्रिया |
|---|---|
| 28 अक्टूबर – 3 नवंबर 2025 | प्रिंटिंग और प्रशिक्षण (Printing & Training) |
| 4 नवंबर – 4 दिसंबर 2025 | घर-घर गणना (House-to-House Enumeration) |
| 9 दिसंबर 2025 | ड्राफ्ट मतदाता सूची (Draft Electoral Roll) जारी |
| 9 दिसंबर 2025 – 8 जनवरी 2026 | दावे और आपत्तियों की अवधि (Claims & Objections) |
| 9 दिसंबर 2025 – 31 जनवरी 2026 | सुनवाई और सत्यापन (Hearing & Verification) |
| 7 फरवरी 2026 | अंतिम मतदाता सूची (Final Electoral Roll) प्रकाशित |
इस अभियान में देशभर के 5.33 लाख बूथ लेवल ऑफिसर (BLOs) और 7.64 लाख राजनीतिक दलों के बूथ एजेंट (BLAs) शामिल रहेंगे। BLO को हर घर कम से कम तीन बार दौरा करने का निर्देश दिया गया है, ताकि कोई नया मतदाता छूटे नहीं। वे घर-घर जाकर Form-6 (नए वोटरों के लिए) और Declaration Form भरवाएंगे, फिर यह दस्तावेज ERO (Electoral Registration Officer) या AERO को सौंपेंगे।
मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि इस SIR के तहत देशभर में करीब 51 करोड़ मतदाताओं के नाम, पते और विवरण का सत्यापन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आयोग ने सभी मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (CEOs) और जिला निर्वाचन अधिकारियों (DEOs) को राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर प्रक्रिया की जानकारी देने को कहा है।
SIR यानी Special Intensive Revision का मकसद मतदाता सूची को अद्यतन और सटीक बनाना है।
इस प्रक्रिया में...
BLO इस दौरान घर-घर जाकर मतदाताओं को फॉर्म भरने में मदद करेंगे।
ज्ञानेश कुमार ने बताया कि आयोग ने यह सुनिश्चित किया है कि किसी भी मतदान केंद्र में 1200 से ज्यादा मतदाता न हों। इससे मतदान प्रक्रिया सुगम, सुरक्षित और सुलभ रहेगी। उन्होंने कहा कि आयोग बुजुर्गों, दिव्यांगों और बीमार मतदाताओं की सुविधा के लिए वॉलंटियर्स की तैनाती भी करेगा।
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा कि SIR जैसी प्रक्रिया जरूरी है, क्योंकि-
इन समस्याओं को दूर करने और सूची को विश्वसनीय बनाने के लिए यह व्यापक पुनरीक्षण किया जा रहा है।
भारत में अब तक 1951 से 2004 के बीच 8 बार SIR किया जा चुका है। राजनीतिक दलों ने अक्सर मतदाता सूचियों में त्रुटियों और डुप्लिकेट नामों को लेकर सवाल उठाए हैं, जिसके बाद आयोग ने इसे फिर से गहन रूप में लागू करने का निर्णय लिया है।