Manisha Dhanwani
8 Sep 2025
Manisha Dhanwani
7 Sep 2025
नई दिल्ली। भारत के 17वें उपराष्ट्रपति चुनाव के नतीजे मंगलवार (9 सितंबर) को घोषित हो गए। एनडीए के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन ने इंडिया ब्लॉक के प्रत्याशी जस्टिस बी सुदर्शन रेड्डी को पराजित कर उपराष्ट्रपति पद की कमान संभाल ली। राधाकृष्णन को कुल 452 वोट प्राप्त हुए, जबकि बी सुदर्शन रेड्डी को 300 वोट ही मिले। इस प्रकार 152 वोट के अंतर से एनडीए उम्मीदवार ने चुनाव जीत लिया।
उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए संसद भवन में सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक वोटिंग हुई। इस चुनाव में लोकसभा और राज्यसभा मिलाकर कुल 788 सांसद होते हैं, लेकिन वर्तमान में 7 सीटें रिक्त थीं। कुल 781 सांसदों को मतदान का अधिकार था, जिनमें से 14 सांसद ने वोटिंग में भाग नहीं लिया। इनमें बीआरएस के 4, बीजेडी के 7 और अकाली दल के 3 सांसद शामिल थे। कुल 767 सांसदों ने अपने मताधिकार का उपयोग किया।
एनडीए के पास कुल 427 सांसद थे, जबकि इंडिया ब्लॉक के पास 315 सांसद थे। एनडीए उम्मीदवार को कुल 452 वोट मिले, जबकि इंडिया ब्लॉक के प्रत्याशी को 300 वोट प्राप्त हुए। इस तरह कुल मान्य वोटों की संख्या 752 रही। 15 वोट को इनवैलिड घोषित किया गया।
मतगणना के दौरान यह बात साफ हो गई कि विपक्ष अपने सांसदों को एकजुट नहीं रख पाया। यदि माना जाए कि वाईएसआर कांग्रेस के सभी 11 सांसदों ने एनडीए उम्मीदवार के पक्ष में वोट किया, तो कुल वोट संख्या 438 बनती। लेकिन राधाकृष्णन को 452 वोट प्राप्त हुए। इसका अर्थ यह हुआ कि विपक्ष के कम से कम 14 सांसदों ने एनडीए उम्मीदवार के पक्ष में क्रॉस वोटिंग की।
इससे यह स्पष्ट हो गया कि विपक्ष के भीतर मतभेद और राजनीतिक असमंजस का माहौल बना हुआ है। यह स्थिति आगामी राजनीतिक समीकरणों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
सीपी राधाकृष्णन की जीत को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की राजनीतिक मजबूती के रूप में देखा जा रहा है। उनका उपराष्ट्रपति पद संभालना एनडीए की वैधानिक शक्ति को और अधिक मजबूती देगा। राधाकृष्णन का राजनीतिक अनुभव और प्रशासनिक योग्यता इस भूमिका में महत्वपूर्ण योगदान देने की उम्मीद जताई जा रही है।
इस चुनाव में बीजेपी, इसके सहयोगी दलों के साथ-साथ कुछ विपक्षी सांसदों ने भी समर्थन दिया। ऐसे में राधाकृष्णन की जीत विपक्षी एकता के विघटन का भी संकेत मानी जा रही है।
उपराष्ट्रपति चुनाव इस साल इसलिए जरूरी हो गया था क्योंकि पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई को स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर इस्तीफा दे दिया था। उनका कार्यकाल 10 अगस्त 2027 तक था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुबह 10 बजे सबसे पहले अपने मत का प्रयोग किया। इससे पहले एनडीए के सभी सांसदों ने सुबह 9.30 बजे एक ब्रेकफास्ट मीटिंग में भाग लिया। इस बैठक में रणनीति पर चर्चा की गई थी। एनडीए के कुल 427 सांसदों ने मतदान प्रक्रिया में भाग लिया। विपक्षी इंडिया ब्लॉक का प्रत्याशी बी. सुदर्शन रेड्डी मुकाबले में हैं। बीआरएस के 4, बीजेडी के 7, अकाली दल के 1 और 1 निर्दलीय सांसद ने वोट नहीं डाला।
एनडीए ने 68 वर्षीय सीपी राधाकृष्णन को उम्मीदवार बनाया है, जबकि INDIA गठबंधन ने 79 वर्षीय रिटायर्ड जस्टिस बी. सुदर्शन रेड्डी पर दांव लगाया है। दोनों गठबंधनों ने अपने सांसदों को सही तरीके से वोट डालने की ट्रेनिंग भी दी है।
वोटिंग से ठीक पहले ओडिशा के पूर्व सीएम नवीन पटनायक की बीजेडी, तेलंगाना के केसीआर की बीआरएस और पंजाब की शिरोमणि अकाली दल ने मतदान से दूरी बना ली है। इन तीनों दलों के पास कुल 14 सांसद हैं। इनके न शामिल होने से मुकाबले का सीधा असर एनडीए की जीत के अंतर पर पड़ेगा।
जन्म: 20 अक्टूबर 1957, तिरुपुर (तमिलनाडु)
राजनीति की शुरुआत: आरएसएस स्वयंसेवक से
वर्तमान में: महाराष्ट्र के राज्यपाल (31 जुलाई 2024 से)
1996 : भाजपा तमिलनाडु सचिव
1998-1999 : कोयम्बटूर से सांसद
2004-07 : तमिलनाडु भाजपा अध्यक्ष
2016-20 : कोयर बोर्ड अध्यक्ष
2020-22 : भाजपा के केरल प्रभारी
2023 : झारखंड के राज्यपाल बने (अतिरिक्त प्रभार : तेलंगाना राज्यपाल, पुडुचेरी उपराज्यपाल)
2024 : महाराष्ट्र के राज्यपाल नियुक्त
जन्म: 8 जुलाई 1946, चित्तूर जिला (आंध्र प्रदेश)
पेशा: वकील और जज
शुरुआत: आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट में वकालत
1971 : आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट में वकालत शुरू की। संविधान, सिविल, आपराधिक और कर मामलों में विशेषज्ञता ।
1988 : आंध्र प्रदेश के एडवोकेट जनरल नियुक्त हुए।
1995 : आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट के न्यायाधीश बने।
2005 : गुवाहाटी हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश नियुक्त।
2007 : सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश नियुक्त।
2011 : सुप्रीम कोर्ट से सेवानिवृत्त हुए।
2002: भैरों सिंह शेखावत ने सुशील शिंदे को 149 वोट से हराया
2007: हामिद अंसारी ने नजमा हेपतुल्ला को 233 वोट से हराया
2012: अंसारी ने जसवंत सिंह को 252 वोट से हराया
2017: वेंकैया नायडू ने गोपालकृष्ण गांधी को 272 वोट से मात दी
2022: जगदीप धनखड़ ने मार्गरेट अल्वा को 346 वोट से हराया