Naresh Bhagoria
19 Dec 2025
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Shivani Gupta
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देहरादून। उत्तराखंड में लगातार हो रही मूसलधार बारिश और मौसम विभाग के रेड अलर्ट को देखते हुए प्रशासन ने चारधाम यात्रा को अगले 24 घंटे के लिए रोकने का बड़ा फैसला लिया है। गढ़वाल मंडल आयुक्त विनय शंकर पांडेय ने बताया कि तीर्थयात्रियों की सुरक्षा के मद्देनजर यह कदम उठाया गया है।
हरिद्वार, ऋषिकेश, श्रीनगर, रुद्रप्रयाग, सोनप्रयाग, विकासनगर और चमोली में पुलिस व प्रशासन को तीर्थयात्रियों को रोकने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही संवेदनशील इलाकों में निगरानी और अलर्टनेस बढ़ा दी गई है।
उत्तरकाशी जिले के बड़कोट तहसील स्थित सिलाई बैंड इलाके में शनिवार को भीषण बारिश और बादल फटने की घटना सामने आई। इस हादसे में निर्माणाधीन होटल की साइट को भारी नुकसान हुआ है और वहां रह रहे 8-9 मजदूर लापता बताए जा रहे हैं।
उत्तरकाशी के डीएम प्रशांत आर्य ने बताया कि यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-94) पर भी दो से तीन स्थानों पर मलबा गिरने के कारण रास्ता पूरी तरह बंद हो गया है। SDRF, पुलिस और राजस्व विभाग की टीमें मौके पर पहुंचकर राहत व बचाव कार्य में जुटी हुई हैं।
लगातार हो रही बारिश के चलते बागेश्वर में सरयू नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है। वहीं, अलकनंदा और सरस्वती नदियां भी उफान पर हैं। नदी किनारे बसे गांवों और क्षेत्रों में सतर्कता बरतने की अपील की गई है।
प्रदेश के कई हिस्सों में लैंडस्लाइड के चलते सड़कें बंद हो गई हैं। खासकर बद्रीनाथ, जोशीमठ, कर्णप्रयाग, पांडुकेश्वर और पीपलकोटी में तीर्थयात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर रोक दिया गया है। चमोली और रुद्रप्रयाग जिलों में भी हालात गंभीर बने हुए हैं। पुलिस अधीक्षक सर्वेश पंवार ने बताया कि जोशीमठ से आगे किसी को जाने की अनुमति नहीं है।
प्रशासन ने सभी जिलों में अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे तीर्थयात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर रोके रखें, और जब तक मौसम सामान्य न हो जाए, यात्रा शुरू न की जाए। SDRF, NDRF और स्थानीय प्रशासन की टीमें लगातार रेस्क्यू और निगरानी के कार्य में लगी हुई हैं।
उत्तराखंड सरकार और जिला प्रशासन ने स्थानीय लोगों और यात्रियों से अपील की है कि वे अनावश्यक यात्रा से बचें, मौसम अपडेट्स पर नजर रखें और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें।
चारधाम यात्रा देश की सबसे पवित्र और प्रतिष्ठित तीर्थ यात्राओं में से एक है, लेकिन प्रशासन का कहना है कि “श्रद्धा के साथ सुरक्षा भी जरूरी है।” आने वाले दिनों में मौसम पर नजर रखकर ही यात्रा को फिर से शुरू करने का फैसला लिया जाएगा।