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देहरादून/चमोली। उत्तराखंड में बारिश और आपदाओं का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। बीते चार दिनों के भीतर राज्य में दूसरी बार बादल फटने की घटना सामने आई है। बुधवार देर रात चमोली जिले के नंदानगर घाट इलाके में बादल फटने से भारी तबाही मच गई। इस आपदा में अब तक 10 लोग लापता बताए जा रहे हैं, जबकि कई घर और खेत-खलिहान मलबे में दब गए हैं। घटनास्थल पर एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और मेडिकल टीमें लगातार राहत एवं बचाव कार्य में जुटी हुई हैं।
नंदानगर तहसील के कुंतरी लंगाफली, सरपाणी और धुर्मा गांव इस आपदा से सबसे अधिक प्रभावित हुए। कुंतरी लंगाफली वार्ड में अचानक आए मलबे ने छह घरों को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया। धुर्मा गांव में भी पांच घर क्षतिग्रस्त हुए हैं। देर रात अचानक हुई इस घटना ने लोगों को संभलने तक का मौका नहीं दिया। ग्रामीणों का कहना है कि मलबे की रफ्तार इतनी तेज थी कि लोग घर से बाहर भी नहीं निकल पाए।
प्रशासन ने अब तक 10 लोगों के लापता होने की पुष्टि की है। इनमें से आठ लोग कुंतरी लंगाफली और दो लोग धुर्मा गांव के रहने वाले हैं। लापता लोगों में महिलाएं, बुजुर्ग और बच्चे भी शामिल हैं। वहीं, मलबे से दो लोगों को जिंदा बाहर निकाला गया है। मौके पर एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें लगातार तलाश कर रही हैं।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) के मुताबिक, मेडिकल टीम के साथ तीन 108 एंबुलेंस घटनास्थल पर भेजी गई हैं। घायलों को तुरंत अस्पताल ले जाया जा रहा है। फिलहाल प्रशासन ने गांवों में मेडिकल कैंप भी लगाए हैं ताकि प्राथमिक उपचार उपलब्ध कराया जा सके।
भारी बारिश और आपदा की आशंका को देखते हुए मौसम विभाग ने चमोली सहित कई जिलों – देहरादून, पौड़ी गढ़वाल, टिहरी, चंपावत और उधम सिंह नगर के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। अगले 48 घंटे तक तेज बारिश और भूस्खलन की संभावना जताई गई है। प्रशासन ने लोगों को सतर्क रहने और नदियों-नालों से दूर रहने की सलाह दी है।
लगातार हो रही भारी बारिश से राज्य का पर्यटन और आम जनजीवन दोनों प्रभावित हो रहे हैं। इससे पहले 16 सितंबर को देहरादून में बादल फटने की घटना में मसूरी जाने वाले रास्ते बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए थे, जिससे 2500 से अधिक पर्यटक वहां फंसे हुए हैं। अब चमोली की इस घटना ने स्थिति को और गंभीर बना दिया है।
चमोली जिला प्रशासन ने बताया कि जेसीबी मशीनें और अन्य उपकरण लगाकर मलबा हटाने का काम किया जा रहा है। प्रभावित क्षेत्रों में गांव-गांव जाकर टीमों को लगाया गया है। अधिकारियों ने कहा कि “वास्तविक नुकसान का आकलन बचाव कार्य पूरा होने के बाद ही हो पाएगा।”
उत्तराखंड और हिमाचल दोनों ही राज्यों में इस मानसून सीजन में बारिश, बाढ़ और लैंडस्लाइड से भारी तबाही हुई है। हिमाचल में अब तक 419 लोगों की मौत हो चुकी है। विशेषज्ञों का कहना है कि सितंबर के आखिरी दिनों और अक्टूबर की शुरुआत तक बंगाल की खाड़ी में बन रहे लो-प्रेशर सिस्टम से फिर से कई राज्यों में भारी बारिश की संभावना है।