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तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने की ओर सरकार का पहला कदम, कैबिनेट ने कानून वापसी के प्रस्ताव को दी मंजूरी

तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने के प्रस्ताव पर मोदी कैबिनेट ने अपनी मुहर लगा दी है। अब संसद के शीतकालीन सत्र में इन कानूनों को वापस लेने की अंतिम प्रक्रिया पूरी होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पांच दिन पहले (19 नवंबर) गुरु पर्व के दिन इन तीनों कानूनों को वापस लेने का एलान किया था। ससंदीय प्रक्रिया पूरी होने के बाद ये तीनों कानून पूरी तरह से निष्प्रभावी हो जाएंगे। हालांकि अब भी संयुक्त किसान मोर्चा से जुड़े 40 संगठन दिल्ली की सीमाओं पर डटे हुए हैं और उनका कहना है कि एमएसपी समेत 6 मांगों के पूरा होने पर ही घर वापसी करेंगे।

पीएम ने की थी कानून वापसी की घोषणा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में देश के नाम अपने संबोधन में तीनों कृषि कानून वापस लेने का एलान किया था। उन्होंने कहा था कि ये कानून किसानों के हित में थे, लेकिन हम किसानों को कानूनों की अहमियत समझा नहीं पाए, इसलिए तीनों कानून वापस लिए जा रहे हैं। पीएम ने कहा कि अगले संसद सत्र में कानूनों को वापस लेने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। संसद का सत्र 29 नवंबर से शुरू हो रहा है और पहले ही दिन यह बिल पेश होने वाला है।

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क्या हैं वो तीन कृषि कानून?

1. कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक 2020
2. कृषक (सशक्तिकरण-संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक 2020
3. आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक 2020

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प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही लौटेंगे किसान

पीएम की घोषणा से किसानों में उत्साह देखने को मिला। किसान इसे अपनी बड़ी जीत की तरह देख रहे हैं। हालांकि, उनका कहना है कि जब तक संसद की प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती, तबतक वे प्रदर्शन जारी रखेंगे। जबकि, पीएम ने अपनी घोषणा के साथ ही साथ किसानों से वापस लौट जाने की अपील की थी।

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गरीबों को मुफ्त राशन मिलता रहेगा

केंद्रीय कैबिनेट ने गरीब कल्याण अन्न योजना को 4 महीने तक बढ़ाने की मंजूरी दे दी है। कोरोना के दौरान इस योजना को शुरू किया गया था। इसके तहत गरीबों को मुफ्त राशन बांटा जा रहा है। बाद में इसे 31 दिसंबर तक बढ़ा दिया गया था। आज कैबिनेट ने इसे आगे जारी रखने को अप्रूवल दे दिया है।

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