Aakash Waghmare
29 Dec 2025
बांग्लादेश के पिरोजपुर जिले के डुमरीतला (दम्रिताला) गांव में 27 दिसंबर की रात एक खौफनाक घटना सामने आई। यहां हिंदू समुदाय के कम से कम पांच घरों में आग लगा दी गई। यह हमला उस वक्त हुआ जब परिवार के लोग गहरी नींद में थे। आरोप है कि हमलावरों ने पूरी प्लानिंग के साथ पहले घरों को चारों ओर से घेरा, फिर कमरों में कपड़े ठूंसकर आग लगा दी। पुलिस ने अब तक इस मामले में पांच संदिग्धों को गिरफ्तार किया है।
पीड़ित परिवारों के मुताबिक आग लगने के समय वे घर के अंदर ही फंसे हुए थे, क्योंकि दरवाजों पर बाहर से ताले लगाए गए थे। बाहर निकलने का कोई सीधा रास्ता नहीं था। चारों तरफ आग की लपटें थीं और धुआं तेजी से फैल रहा था। हालात इतने डरावने थे कि कुछ पल के लिए सभी को लगा कि अब बचना नामुमकिन है।
इस हमले के वक्त दो घरों में कुल आठ लोग मौजूद थे। मौत को सामने देख परिवार के सदस्यों ने हिम्मत दिखाई। उन्होंने टिन की चादरों और बांस की बाड़ को काटकर किसी तरह बाहर निकलने का रास्ता बनाया। जान तो बच गई, लेकिन घर, कपड़े, जरूरी सामान और पालतू जानवर सब कुछ जलकर राख हो गया।
आग इतनी भयानक थी कि कुछ ही मिनटों में पूरे घर चपेट में आ गए। सुबह जब आग बुझी, तो वहां सिर्फ जले हुए ढांचे और राख का ढेर बचा था। पीड़ित परिवार अब खुले आसमान के नीचे हैं। उनके पास न रहने की जगह है और न ही रोजमर्रा की जरूरतों का सामान।
घटना के बाद पिरोजपुर के पुलिस अधीक्षक मोहम्मद मंजूर अहमद सिद्दीकी मौके पर पहुंचे और पीड़ित परिवार को न्याय का भरोसा दिलाया। पुलिस ने अब तक इस मामले में पांच संदिग्धों को गिरफ्तार किया है। अधिकारियों का कहना है कि आग लगने की सटीक वजहों की जांच की जा रही है और बाकी आरोपियों की तलाश जारी है।
घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में देखा जा सकता है कि स्थानीय लोग आग बुझाने की कोशिश कर रहे हैं। चारों तरफ अफरा-तफरी है और लपटें आसमान तक उठ रही हैं। इस वीडियो ने एक बार फिर बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
इस हमले से कई हिंदू परिवार गहरे सदमे में है। परिवार के सदस्य इतने डरे हुए हैं कि मीडिया बात करने से भी बच रहे हैं।
यह घटना ऐसे समय में सामने आई है जब हाल ही में हिंदू युवक दीपू चंद्र दास की पीट-पीटकर हत्या और उसके बाद शव जलाने की खबर ने सभी को झकझोर दिया था। लगातार हो रही ऐसी घटनाओं से साफ है कि बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यक खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।
यह घटना सिर्फ कुछ घरों के जलने की नहीं है, बल्कि भरोसे के टूटने की कहानी है। आधी रात को रची गई इस साजिश ने यह साफ कर दिया है कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा एक बड़ा मुद्दा बन चुकी है।