Naresh Bhagoria
4 Dec 2025
Naresh Bhagoria
4 Dec 2025
Manisha Dhanwani
4 Dec 2025
उज्जैन। सिंहस्थ महापर्व के लिए उज्जैन में स्थायी कुंभ नगरी बसाने की योजना को लेकर किसानों का विरोध लगातार तेज हो रहा है। प्रशासन द्वारा 2,000 हेक्टेयर से अधिक जमीन का अधिग्रहण किया जा रहा है, जिसका क्षेत्र के किसान लगातार विरोध कर रहे हैं। रविवार को किसानों ने जल सत्याग्रह का ऐलान किया था, जिसे रोकने के लिए पुलिस ने शहर के सभी प्रमुख घाटों को बंद कर दिया।
इसके बावजूद किसान पुलिस को चकमा देकर चक्रतीर्थ श्मशान घाट पहुंचे और पानी में खड़े होकर विरोध प्रदर्शन किया। वहीं दूसरी ओर किसानों के एक समूह ने आगर रोड स्थित अनाज मंडी के सामने चक्काजाम कर दिया, जिससे ट्रैफिक घंटों बाधित रहा।
प्रदर्शन कर रहे किसानों का कहना है कि वे सिंहस्थ जैसे बड़े आयोजन के महत्व को समझते हैं, लेकिन स्थायी रूप से जमीन देने को तैयार नहीं हैं। किसानों का तर्क है कि वे सीमित कृषि भूमि पर निर्भर हैं, और नए भूमि अधिग्रहण प्रस्ताव से उनका जीवन और आजीविका बुरी तरह प्रभावित होगी।
किसानों की मांग है कि सरकार पुरानी योजना के अनुसार ही अधिग्रहण करे, जिससे उनका जीवन यापन प्रभावित न हो। प्रदर्शन में शामिल सभी किसान उन्हीं गांवों से हैं, जिनकी जमीन सिंहस्थ की स्थायी नगरी परियोजना के तहत अधिग्रहित की जा रही है।
जल सत्याग्रह के ऐलान को देखते हुए प्रशासन ने रामघाट समेत सभी घाटों पर बैरिकेडिंग कर दी थी, जिससे न केवल किसान, बल्कि आम श्रद्धालु भी घाटों तक नहीं पहुंच सके। इस सख्ती के विरोध में किसानों ने दो हिस्सों में बंटकर अलग-अलग स्थानों पर प्रदर्शन किया।
एक दल ने चकमा देकर बड़नगर पुल पार कर चक्रतीर्थ घाट पर जल सत्याग्रह किया, जिसमें महिलाएं भी शामिल रहीं। दूसरा दल अनाज मंडी चौराहे पर पहुंचा और रास्ता जाम कर दिया।
प्रशासन ने प्रदर्शन रोकने के लिए शनिवार देर रात कई किसान नेताओं को उनके घरों से उठाकर हिरासत में ले लिया। इससे किसानों में नाराजगी और बढ़ गई। चक्काजाम के दौरान किसानों ने पुलिस अधिकारियों से कहा कि बुजुर्ग किसानों को छोड़ दिया जाए, तभी प्रदर्शन समाप्त होगा। काफी समझाइश और बातचीत के बाद किसानों ने चक्काजाम हटाया, लेकिन चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो आंदोलन और तेज किया जाएगा।