Priyanshi Soni
12 Oct 2025
Mithilesh Yadav
12 Oct 2025
Manisha Dhanwani
12 Oct 2025
Manisha Dhanwani
12 Oct 2025
Priyanshi Soni
11 Oct 2025
सासाराम से शुरू हुई राहुल गांधी की ‘वोट अधिकार यात्रा’ ने बिहार की राजनीति में नई हलचल पैदा कर दी है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी, राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव एक मंच पर नजर आए और केंद्र सरकार, बीजेपी तथा चुनाव आयोग पर जमकर बरसे। सभा में मौजूद भीड़ के बीच महागठबंधन के नेताओं ने इस यात्रा को संविधान और लोकतंत्र बचाने की लड़ाई बताया।
सभा को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि यह सिर्फ एक राजनीतिक यात्रा नहीं, बल्कि संविधान को बचाने का आंदोलन है। उन्होंने बीजेपी और आरएसएस पर आरोप लगाया कि वे देश के संविधान को मिटाने पर आमादा हैं। राहुल ने कहा कि जहां भी चुनाव होते हैं, बीजेपी सत्ता हासिल कर लेती है, लेकिन यह सिर्फ जनता के समर्थन से नहीं बल्कि वोट चोरी और हेरफेर की वजह से होता है।
उन्होंने महाराष्ट्र का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां ओपिनियन पोल में महागठबंधन की जीत दिखाई गई थी, लोकसभा चुनाव में भी महागठबंधन को जनता का समर्थन मिला, लेकिन चार महीने बाद उसी क्षेत्र में वे हार गए। जांच कराने पर सामने आया कि एक करोड़ नए वोटर अचानक वोटर लिस्ट में जोड़ दिए गए। राहुल ने सवाल उठाया कि आखिर इतने बड़े पैमाने पर नए वोटर कहां से आ गए और क्यों हर बार यह खेल विपक्षी दलों के खिलाफ ही होता है।
राहुल गांधी ने अपने भाषण में गरीब और कमजोर तबके की बात करते हुए कहा कि उनके पास केवल वोट का अधिकार है। यही उनका असली हथियार है, जिसे बीजेपी और चुनाव आयोग मिलकर छीनने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि बिहार की जनता वोट चोरी नहीं होने देगी और यह चुनाव आयोग को भी साफ तौर पर समझना चाहिए।
राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर पक्षपाती रवैये का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि आयोग इलेक्ट्रॉनिक डेटा क्यों नहीं जारी करता, क्यों ऐसी वोटर लिस्ट दी जाती है जिसे मशीन से नहीं पढ़ा जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि आयोग जानबूझकर CCTV फुटेज नहीं देता ताकि वोटिंग में हुई गड़बड़ियों के सबूत सामने न आ सकें। राहुल ने न्यायपालिका से अपील की कि वह इस मामले में हस्तक्षेप करे और लोकतंत्र की रक्षा के लिए आगे आए।
राहुल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और एनडीए सरकार पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार जनता के धन को 5-6 बड़े अरबपतियों को सौंप रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि देश की पूरी संपत्ति कुछ गिने-चुने उद्योगपतियों के पास पहुंचाई जा रही है और आम जनता को केवल वादों के सहारे छोड़ दिया गया है।
राहुल गांधी ने जाति जनगणना के मुद्दे को भी सभा में उठाया। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी ने दबाव में आकर इसे कराने की बात कही है, लेकिन उन्हें पूरा यकीन है कि ऐसा कभी नहीं होगा। राहुल ने वादा किया कि महागठबंधन सत्ता में आएगा तो 50 फीसदी आरक्षण सुनिश्चित किया जाएगा और जाति जनगणना पूरी ईमानदारी से कराई जाएगी।
सभा को संबोधित करते हुए तेजस्वी यादव ने कहा कि आज के हालात लोकतंत्र के लिए बेहद खतरनाक हैं। उन्होंने कहा कि जनता से उनकी सरकार चुनने की आजादी छीनी जा रही है। तेजस्वी ने कहा कि यह सिर्फ वोट चोरी नहीं है बल्कि लोकतंत्र पर डाला गया डाका है।
उन्होंने कहा कि बिहार लोकतंत्र की जननी है और यहां से कोई भी ताकत लोगों के अधिकार छीनने में सफल नहीं हो सकती। तेजस्वी ने आरोप लगाया कि पहले नाम वोटर लिस्ट से काटे जा रहे हैं और आने वाले दिनों में यही खेल पेंशन और राशन कार्ड में भी किया जाएगा। मोदी सरकार बिहार की जनता को चूना लगाने की कोशिश कर रही है, लेकिन बिहार की जनता चूना खाने वालों में नहीं बल्कि खिलाने वालों में है।
काफी समय बाद जनसभा में आए लालू प्रसाद यादव ने भी मोदी सरकार और बीजेपी पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने जनता से अपील की कि चोरों को हटाइए और बीजेपी को सत्ता से बाहर कीजिए। लालू ने कहा कि किसी भी कीमत पर बीजेपी को सत्ता में आने नहीं देना है।
उन्होंने महागठबंधन की एकजुटता का संदेश देते हुए कहा कि राहुल गांधी और तेजस्वी यादव के साथ मिलकर बीजेपी को उखाड़ फेंकना होगा। लालू का यह बयान सभा में मौजूद भीड़ ने जोरदार नारों से स्वागत किया।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने अपने संबोधन में आरएसएस और बीजेपी को स्वतंत्रता संग्राम से जोड़ते हुए तंज कसा। उन्होंने कहा कि आरएसएस ने आजादी की लड़ाई में कोई योगदान नहीं दिया। इसके विपरीत, उनके लोग अंग्रेजों से नौकरी मांगते थे। खड़गे ने प्रधानमंत्री मोदी पर भी निशाना साधते हुए कहा कि ऐसे संगठनों की आज प्रधानमंत्री तारीफ करते हैं।
खड़गे ने यह भी कहा कि बिहार में करीब 65 लाख गरीब और मजदूरों के वोट काट दिए गए हैं। उन्होंने इसे लोकतंत्र पर हमला बताते हुए जनता से अपील की कि संविधान और वोट के अधिकार की रक्षा के लिए महागठबंधन का साथ दें।
ये भी पढ़ें: 'द बंगाल फाइल्स' के ट्रेलर पर बवाल, विवेक अग्निहोत्री के आरोपों पर कोलकाता पुलिस और टीएमसी ने दी सफाई
‘वोट अधिकार यात्रा’ 16 दिनों में 20 जिलों से होकर गुजरेगी। यह यात्रा 1300 किलोमीटर की दूरी तय करेगी और 1 सितंबर को पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में इसका समापन होगा। यात्रा की शुरुआत सासाराम से हुई और अब यह औरंगाबाद पहुंचेगी जहां राहुल गांधी किसानों से मुलाकात करेंगे।
जनसभा के दौरान ‘वोट चोर गद्दी छोड़’ जैसे नारे लगातार गूंजते रहे। महागठबंधन ने साफ किया कि यह यात्रा केवल चुनावी अभियान नहीं है बल्कि जनता के लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा का संकल्प है।
इस रैली और यात्रा से साफ हो गया कि बिहार में विपक्ष अब साझा मोर्चा बनाकर बीजेपी को चुनौती देने के मूड में है। राहुल, तेजस्वी और लालू एक मंच पर नजर आए और एक स्वर में बीजेपी को सत्ता से हटाने का आह्वान किया। महागठबंधन की रणनीति यही है कि जनता को यह विश्वास दिलाया जाए कि अगर वोटों की हेराफेरी रोकी गई तो बीजेपी कहीं नहीं टिकेगी।