Mithilesh Yadav
27 Sep 2025
संतोष चौधरी
भोपाल। वाइल्ड लाइफ से जुड़े एक एनजीओ में जॉब कर रहे 30 वर्षीय युवा दीपक अहिरवार ने पन्ना टाइगर रिजर्व स्थित मंडला गेट के पास बीते वर्ष विंध्या वासिनी नाम से होम स्टे खोला है। दीपक बताते हैं कि पिता को हमने यह सौगात दी है। वे इसका संचालन करते हैं। अब पिता आत्मनिर्भर हो गए हैं। एक साल में डेढ़ लाख रुपए का बिजनेस किया है। दरअसल, ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले दीपक और कई युवाओं ने अपने ही गांव में होम स्टे खोलकर आत्मनिर्भर बने हैं। इनमें से कई युवा तो ऐसे हैं जो शहरों के नौकरी छोड़कर अपने गांव आ गए हैं। उनके जीवन में यह बदलाव एमपी टूरिज्म की होम स्टे योजना से आया है। अगर आपके पास भी किसी पर्यटन स्थल पर अपना घर है तो उसे होम स्टे में कन्वर्ट कर लाखों रुपए हर महीने कमा सकते हैं।
खरगोन के बोथू गांव के खुमान सिंह इंदौर में एक कार शोरूम में काम करते थे। इंदौर में 10 साल रहने के बाद भी सुकून नहीं मिला। गांव लौटकर होम स्टे शुरू कर दिया। एक और होम स्टे खोलने की तैयारी है। वहीं महेश्वर के पास नावोदा टोडी के कैलाश केवट मजूदरी करते थे। वर्ष 2023 की बाढ़ में घर बह गया है। लोगों ने होम स्टे के बारे में बताया। अब अच्छी आमदनी हो रही है। इनकी बेटी कीर्ति अंतर्राष्ट्रीय वॉटर स्पोर्ट्स की खिलाड़ी है।
एमपी पर्यटन बोर्ड के डायरेक्टर डीपी सिंह कहते हैं कि देश- विदेश के पर्यटकों को प्रमुख पर्यटन स्थलों के बीच होम स्टे में प्रकृति, संस्कृति, रहन-सहन और स्थानीय व्यंजनों का लुत्फ उठाने का मौका मिल रहा है। वहीं गांवों के युवाओं को रोजगार के अवसर भी मिल रहे हैं। 68 गांवों में 322 होम स्टे हैं, इनमें से 255 का संचालन हो रहा है। बाकी भी जल्द शुरू हो जाएंगे। इनकी मार्केटिंग के लिए मेक माय ट्रिप से करार किया गया है ।
1. मप्र में वर्ष 2024 में 13.41 करोड़ पर्यटक आए। इनमें 1.67 लाख विदेशी थे।
2. पर्यटन का राज्य की जीडीपी में लगभग 7 प्रतिशत का योगदान।
3. देश के टूरिज्म में मप्र टॉप 10 राज्यों में शािमल है।
4. मप्र के टॉप-10 डेस्टिनेशन: उज्जैन, चित्रकूट, मैहर, पेंच, सांची, अमरकंटक, खजुराहो, कान्हा, बांधवगढ़ और पचमढ़ी।