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नई दिल्ली। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पूरे देश में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision - SIR) के दूसरे चरण की शुरुआत की घोषणा की। उन्होंने बताया कि इस चरण में मतदाता सूची को अपडेट करने, नए मतदाताओं के नाम जोड़ने और पुरानी सूचियों में मौजूद त्रुटियों को सुधारने का काम किया जाएगा।
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा- आज हम देश के 12 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में SIR के दूसरे चरण की शुरुआत कर रहे हैं। यह लोकतंत्र की मजबूती की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
चुनाव आयोग ने बताया कि इस चरण में अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, गोवा, पुडुचेरी, छत्तीसगढ़, गुजरात, केरल, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और लक्षद्वीप को शामिल किया गया है। इन राज्यों में मतदाता सूची का अद्यतन किया जाएगा ताकि आगामी चुनावों के लिए सटीक और शुद्ध वोटर डेटा उपलब्ध हो सके।
ज्ञानेश कुमार ने बताया कि आयोग ने हाल ही में देश के 36 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (CEO) से विस्तृत चर्चा की है। बैठकों में SIR की प्रक्रिया, समयसीमा, डेटा वेरिफिकेशन और नई तकनीकी सुविधाओं के उपयोग पर विचार-विमर्श किया गया। उन्होंने कहा कि आयोग का उद्देश्य है कि हर पात्र नागरिक का नाम सूची में हो और डुप्लिकेट या त्रुटिपूर्ण नामों को हटाया जा सके।
मुख्य चुनाव आयुक्त ने जानकारी दी कि 1951 से 2004 के बीच अब तक देश में 8 बार SIR प्रक्रिया की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि राजनीतिक दलों ने कई बार वोटर लिस्ट की गुणवत्ता और पारदर्शिता पर सवाल उठाए हैं। SIR एक ऐसी प्रक्रिया है जो मतदाता सूचियों को त्रुटिरहित और विश्वसनीय बनाती है, ताकि किसी भी चुनाव की निष्पक्षता पर संदेह न हो,
उन्होंने कहा।
आयोग ने घोषणा की कि जिन 12 राज्यों में SIR शुरू किया जा रहा है, वहां की वोटर लिस्ट आज रात से फ्रीज कर दी जाएगी। इसका मतलब है कि फ्रीज तिथि के बाद अस्थायी रूप से कोई नया नाम नहीं जोड़ा या हटाया जाएगा, जब तक संशोधन प्रक्रिया पूरी नहीं होती।
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा कि SIR प्रक्रिया जरूरी है क्योंकि समय के साथ जनसंख्या के पलायन, मृत मतदाताओं के नाम बने रहने और डुप्लिकेट पंजीकरण जैसी समस्याएं बढ़ रही हैं।
उन्होंने बताया कि कई बार विदेशी नागरिकों के नाम भी गलती से मतदाता सूची में शामिल हो जाते हैं, जिसे सुधारना बेहद जरूरी है। बार-बार पलायन, मृत व्यक्तियों के नाम का न हटना और गलत प्रविष्टियों के कारण सूची की शुद्धता प्रभावित होती है। इसलिए SIR देश के लोकतांत्रिक ढांचे की मजबूती के लिए आवश्यक है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ज्ञानेश कुमार ने बिहार के 7.5 करोड़ मतदाताओं को भी शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि बिहार ने हाल ही में पूरी सक्रियता के साथ SIR प्रक्रिया में भाग लेकर इसे सफल बनाया है।