Naresh Bhagoria
9 Nov 2025
राजीव सोनी
भोपाल। मध्य प्रदेश में महिलाओं को सम्मान और लीडरशिप देने में भाजपा और कांग्रेस दोनों ही प्रमुख राजनीतिक दल कंजूस हैं। हालांकि संगठन और चुनाव में प्रतिनिधित्व देने के मामले में कांग्रेस से तुलनात्मक रूप से भाजपा कुछ बेहतर है। भाजपा ने संगठन के 62 में से 7 जिलों में महिला नेत्री को कमान सौंपी है, जबकि कांग्रेस के 71 में से मात्र 4 जिलों में ही महिला अध्यक्षों पर भरोसा जताया है। इस बार विधानसभा में पहुंची कुल 27 महिला विधायकों में से 21 भाजपा और 6 कांग्रेस से हैं। लोकसभा में तो इस बार कांग्रेस का खाता ही नहीं खुल पाया। संकल्प पत्र में महिला सशक्तिकरण का वादा : विधानसभा चुनाव के पहले भाजपा ने अपने संकल्प पत्र में महिला सशक्तिकरण का वादा किया था। भाजपा नेताओं का कहना है कि नारी शक्ति वंदन अधिनियम हमारी ही सरकार लाई है।
प्रदेश में कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी की महिला व शराब खपत संबंधी टिप्पणी पर भाजपा हमलावर बनी रही। पक्ष-विपक्ष के बीच जुबानी जंग चलती रही। लेकिन महिला नेतृत्व को आगे लाकर सामाजिक-सियासी और जेंडर बैलेंस की मिसाल के मामले में कांग्रेस काफी पीछे है। संगठन की दृष्टि से देखें तो इस साल भाजपा ने पहली बार 62 जिलों में से 6 जिलों की कमान महिला नेत्रियों को सौंपी है। इसके पहले केवल एक ही जिले में महिला अध्यक्ष थी। इस मामले में कांग्रेस तो और भी फिसड्डी है जहां पार्टी के 71 संगठनात्मक जिलों में से महज 4 जिलों की कमान महिला अध्यक्षों को सौंपी गई है।
लोकसभा 2024 के चुनाव में मप्र की सभी 29 सीटों के नतीजे भाजपा के पक्ष में रहे। कांग्रेस का खाता भी नहीं खुल पाया। इस चुनाव में भाजपा ने महिलाओं को 6 सीटों पर उतारा और सभी विजयी रहीं। कांग्रेस ने केवल रीवा सीट पर एकमात्र महिला प्रत्याशी नीलम मिश्रा को मौका दिया था लेकिन वे भी चुनाव नहीं जीत पार्इं। 2019 के चुनाव में भी कांग्रेस से कोई महिला सांसद नहीं थी।
विधानसभा चुनाव 2023 में महिलाओं की संख्या कम रही। इस चुनाव में कुल 27 महिला विधायक चुनी गर्इं। इनमें भाजपा की 21 और कांग्रेस की मात्र 6 महिला नेत्री विधायक बन पार्इं। इनमें बीना से कांग्रेस के टिकट पर विजयी निर्मला सप्रे की सदस्यता पर सवाल उठ रहे हैं। वह भाजपा में शामिल होने का ऐलान कर चुकी हैं, हालांकि अधिकृत रूप से उनका इस्तीफा नहीं हुआ है।
भाजपा महिलाओं को देती है ज्यादा मौकेः भाजपा महिला मोर्च मप्र की अध्यक्ष माया नरोलिया ने कहा भाजपा ऐसा दल है जो आरक्षण पर अमल करने के साथ ज्यादा सीटों पर महिलाओं को मौके देती है। स्थानीय निकायों में ज्यादा महिलाएं चुन कर आर्इं। नारी शक्ति वंदन अधिनियम लागू होने पर भी भाजपा में आरक्षण 33% से ऊपर जा सकता है।
कांग्रेस ने राजनीति में महिलाओं को आगे बढ़ायाः जबकि महिला कांग्रेस मप्र की अध्यक्ष विभा पटेल ने कहा कि राजनीति में कांग्रेस ने ही महिलाओं को आगे बढ़ाया। महिलाओं को बढ़ावा देने में कांग्रेस हमेशा आगे रही है। महिला कांग्रेस और प्रकोष्ठ काम कर रहे हैं। महिला आरक्षण विधेयक यूपीए सरकार में आया तब भाजपा ने अड़ंगा लगाया था। जिलों के प्रतिनिधित्व से महिलाओं की अधिकारिता को नहीं तौला जाना चाहिए।