Shivani Gupta
18 Sep 2025
Mithilesh Yadav
18 Sep 2025
भोपाल। मध्य प्रदेश में इस बार मानसून ने उम्मीद से ज्यादा बरसात दी है। पूरे प्रदेश में अब तक औसतन 43.2 इंच बारिश दर्ज की जा चुकी है, जो सामान्य से 7.4 इंच ज्यादा है। जहां एक तरफ कई जिलों में भारी बारिश से नदियां उफान पर हैं, वहीं कुछ हिस्सों में पानी की कमी बनी हुई है। मौसम विभाग ने आने वाले दिनों के लिए हल्की से मध्यम बारिश का अलर्ट जारी किया है।
सबसे ज्यादा बारिश: गुना में 65 इंच
सबसे कम बारिश: खरगोन में 26.2 इंच
पिछले 24 घंटों में 25 से ज्यादा जिलों में बारिश दर्ज की गई।
उज्जैन: शिप्रा नदी में बाढ़ से रामघाट के मंदिरों में पानी घुसा।
बैतूल: मुलताई में कई घरों में पानी भर गया।
पांढुर्णा: जाम नदी उफान पर।
टीकमगढ़: खरगापुर तहसील में बिजली गिरने से 12 वर्षीय बच्चे की मौत, 1 किशोरी घायल और 36 बकरियों की मौत।
रायसेन, सीहोर, नर्मदापुरम, बैतूल, हरदा, बुरहानपुर, खंडवा, सिंगरौली, सीधी, रीवा, मऊगंज, सतना, छिंदवाड़ा, पन्ना, छतरपुर और पांढुर्णा में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है।
भोपाल: पिछले 4 साल से औसत से ज्यादा बारिश, 1961 में सितंबर में 30 इंच का रिकॉर्ड।
इंदौर: सितंबर 1954 में 30 इंच का रिकॉर्ड, इस बार भी औसत से ज्यादा दिन बारिश।
ग्वालियर: 1990 में सितंबर में 25 इंच से ज्यादा पानी गिरा था।
जबलपुर: 1926 में 24 घंटे में 8.5 इंच का रिकॉर्ड।
उज्जैन: 1961 में सितंबर की बारिश ने पूरे मानसून का कोटा पूरा कर दिया था।