Mithilesh Yadav
16 Sep 2025
अशोक गौतम-भोपाल। मध्य प्रदेश में राज्य सरकार का पहला लग्जरी ओल्ड एज होम बनकर तैयार हो गया है। इस भवन की नींव तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने 2019 में रखी थी। इसमें कुल 56 वृद्धों के रहने की क्षमता है। सरकार ने इसके संचालन के लिए निविदा जारी की हैं। पहले आओ पहले पाओ की तर्ज पर इसमें प्रवेश की व्यवस्था होगी। यह ओल्ड एज होम उन लोगों के लिए बनाया गया है जो आर्थिक रूप से सक्षम हैं। इस होम को बनाने में 5 साल लग गए जिससे इसकी लागत 10 से 30 करोड़ रुपए तक पहुंच गई।
यहां रहने वाले वृद्धों को वो सारी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी, जिनकी उन्हें जरूरत है। इसी आधार पर उनसे मासिक फीस ली जाएगी। आकलन के अनुसार एक वृद्ध से करीब तीस से चालीस हजार रुपए प्रति माह लिए जाएंगे। संचालन के लिए समिति तय होते ही विभाग आवेदन की जानकारी सार्वजनिक करेगा।
राजधानी के पत्रकार कालोनी में बन रहे ओल्ड एज होम तैयार होने में करीब पांच वर्ष का समय लगा। इसका कारण ये है कि बार- बार कॉन्सेप्ट बदलने से जहां प्रोजेक्ट पिछड़ता गया वहीं इसकी लागत 10.83 करोड़ से बढ़कर 30 करोड़ रुपए से अधिक हो गई।
सरकार ने 2018 में ओल्ड एज होम बनाने की घोषणा की थी। राजस्व विभाग ने इस भवन के लिए जमीन जेल पहाड़ी में भूमि आवंटित की थी। वृद्धजनों की सुरक्षा के लिहाज से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने खुद प्रस्ताव को निरस्त करते हुए शहर के बीचों बीच जगह आवंटित करने के निर्देश दिए थे। 2019 में पत्रकार कालोनी में जमीन आवंटित की गई।
भवन निर्माण का कार्य शुरू हुआ। समीक्षा के दौरान यह बात आई कि जब वृद्धों को सुविधाएं नहीं मिल पाएगी तो वहां कौन रहेगा। इसके बाद उसमें किचन, फर्नीचर, बाधा रहित बाथरूम, सिंगल के जगह पर डबल रूम बनाने काम शुरू किया गया।
यह बात आई कि उनके कपड़े कौन धोयेगा, तो उसमें लांड्री की भी व्यवस्था की गई। वहीं मनोरंजन हाल,क्लब रूम भी बनाया गया ।
शिवराज सरकार ने सरकारी वृद्धाश्रम बनाने की घोषणा चार-पांच वर्ष पहले की थी। इसको लेकर मैं दो बार सामाजिक न्यास विभाग में इसमें एडमीशन को लेकर संपर्क किया, लेकिन बताया गया कि एक दो माह बाद संचालित किया जाएगा। इसके एडमीशन की प्रक्रिया जैसे शुरू होगी , वैसे ही आवेदन करूंगा। -प्रभुनाथ पांडे, भोपाल
ओल्ड एज होम बनकर तैयार हो गया है। उसमें सुविधाएं उपलब्ध कराने का काम सरकार का होगा, जबकि संचालन करने का काम निजी एजेंसी का होगा। सुविधाओं के अनुसार से मासिक किराया तय किया जाएगा। -सोनाली पोंक्षे वायंगणकर, प्रमुख सचिव, सामाजिक न्याय विभाग