Mithilesh Yadav
4 Nov 2025
Mithilesh Yadav
4 Nov 2025
Aakash Waghmare
4 Nov 2025
Mithilesh Yadav
4 Nov 2025
भोपाल। मध्य प्रदेश में इस साल मानसून ने जमकर बरसात की है। प्रदेश में सामान्य 37 इंच के मुकाबले अब तक 42 इंच बारिश दर्ज की जा चुकी है, यानी करीब 13 प्रतिशत ज्यादा। सबसे खास बात यह है कि भोपाल, ग्वालियर समेत 34 जिलों में बारिश का कोटा पूरा हो चुका है, जबकि 10 जिलों में 90% से ज्यादा पानी गिरा है। वहीं गुना जिले ने सबसे ज्यादा बारिश का रिकॉर्ड बनाया है।
अगस्त का दूसरा हफ्ता लगभग सूखा साबित हुआ था। सात दिन तक एक इंच बारिश भी नहीं हुई। कारण था स्ट्रॉन्ग सिस्टम का एक्टिव न होना। अब सितंबर में धीरे-धीरे मानसून की वापसी शुरू हो गई है। राजस्थान के कुछ हिस्सों से मानसून लौट चुका है और संभावना है कि, इस हफ्ते से प्रदेश में भी विदाई की शुरुआत हो जाएगी।
गुना: 65 इंच बारिश, इस सीजन का सबसे ज्यादा।
मंडला: 58 इंच से अधिक।
श्योपुर, शिवपुरी, अशोकनगर: टॉप-5 बारिश वाले जिलों में शामिल।
खरगोन: अब तक 26 इंच भी नहीं, सबसे कम।
बुरहानपुर, शाजापुर, बड़वानी, खंडवा: कम बारिश वाले जिलों की लिस्ट में।
ग्वालियर-चंबल के सभी जिलों में कोटे से ज्यादा पानी गिरा है। इनमें ग्वालियर, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, भिंड, मुरैना, दतिया और श्योपुर शामिल हैं।
इंदौर और उज्जैन संभाग में स्थिति ठीक नहीं है। यहां कई जिलों में अब तक 30 इंच से कम बारिश हुई है। शाजापुर, बुरहानपुर, बड़वानी, खंडवा और खरगोन सबसे पिछड़े जिलों में हैं।
भोपाल में बारिश का कोटा पूरा हो चुका है। बड़ा तालाब लबालब भरने के कारण भदभदा और कलियासोत डैम के गेट खोल दिए गए। प्रदेश के कुल 54 बड़े डैमों में अच्छा पानी आ चुका है। जिनमें तवा, इंदिरासागर, बरगी, अटल सागर और सुजारा शामिल हैं।
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, वर्तमान में उत्तरी तेलंगाना और विदर्भ पर बना निम्न दबाव का क्षेत्र और उससे जुड़ा चक्रवाती परिसंचरण एमपी पर असर डाल रहा है। इसी कारण आने वाले 4 दिनों तक कहीं तेज तो कहीं हल्की बारिश का दौर जारी रहेगा।
भारी बारिश का अलर्ट: इंदौर, धार, खरगोन, देवास, खंडवा, बुरहानपुर, हरदा, नर्मदापुरम, बैतूल, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा और सिवनी।
हल्की बारिश की संभावना: ग्वालियर-चंबल संभाग।
भोपाल: डैम फुल, हल्की बारिश जारी रहेगी।
इंदौर: 31 इंच से ज्यादा, अभी भी 3 इंच पानी की जरूरत।
जबलपुर: 8 में से 6 जिलों का कोटा पूरा।
उज्जैन: कोटे से पीछे, शाजापुर सबसे कम बारिश वाला जिला।
ग्वालियर: शिवपुरी-गुना में 75% ज्यादा बारिश, स्थिति बेहद अच्छी।
50 इंच से ज्यादा: गुना, मंडला, राजगढ़, रायसेन, नरसिंहपुर, शिवपुरी, अशोकनगर, छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी, श्योपुर, नर्मदापुरम।
40–50 इंच: ग्वालियर, जबलपुर, कटनी, सिवनी, बालाघाट, डिंडौरी, उमरिया, विदिशा, सागर, दमोह, पन्ना, रतलाम, नीमच, सिंगरौली, सीधी, हरदा।
30 इंच से ज्यादा: भोपाल, सीहोर, इंदौर, झाबुआ, छिंदवाड़ा, दतिया, देवास, मंदसौर, आगर-मालवा, भिंड, मुरैना, रीवा, सतना, बैतूल, शहडोल, अनूपपुर।
30 इंच से कम: उज्जैन, धार, बड़वानी, बुरहानपुर, खंडवा, खरगोन, शाजापुर।
प्रदेश में इस बार मानसून औसत से ज्यादा रहा है। कई जिलों में जहां डैम ओवरफ्लो हो गए हैं, वहीं कुछ हिस्सों में अब भी बारिश की कमी बनी हुई है। मौसम विभाग का कहना है कि 18-19 सितंबर तक मानसून सक्रिय रहेगा और उसके बाद विदाई की प्रक्रिया तेज हो जाएगी।