Naresh Bhagoria
5 Nov 2025
इंदौर। शहर में एक महिला साइबर ठगों का शिकार होते-होते बच गई। ठगों ने खुद को TRAI (टेलिकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया) का अधिकारी और मुंबई पुलिस का अफसर बताकर महिला को करीब एक घंटे तक डराने की कोशिश की। ठगों ने महिला को ‘डिजिटल अरेस्ट’ तक कर लिया, लेकिन जैसे ही महिला के पति ने क्राइम ब्रांच के एडिशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया से बात करवाई, ठग घबराकर कॉल काटकर फरार हो गए।
एडिशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया ने बताया कि बंगाली चौराहे के आशीष नगर निवासी फायनेंसर की पत्नी मोनिका सूद को कॉल आया। कॉल करने वाले ने खुद को TRAI का अधिकारी बताया और कहा कि उनकी सिम का फर्जी गतिविधियों में इस्तेमाल हो रहा है। ठग ने यह भी दावा किया कि इस मामले में मुंबई के कोलाबा थाने में 24 एफआईआर दर्ज हैं और कॉल को ‘पुलिस स्टेशन’ ट्रांसफर करने का नाटक किया।
मोनिका सूद ने बताया- "कॉल करने वाले बार-बार कह रहे थे कि मेरी सिम पर केस दर्ज है। जब मैं समझ नहीं पाई तो फोन पति को दे दिया। उन्होंने भी मेरे पति से कई जानकारियां मांगी और लंबे समय तक डराने की कोशिश की।"
ठगों ने महिला को वीडियो कॉल पर भी जोड़ा और पुलिसकर्मी बनकर बातचीत करने लगे। इस दौरान वे बार-बार अपनी वर्दी ठीक करते दिखे। इसी हरकत पर महिला के पति सुदीप सिंह सूद को शक हुआ। उन्होंने तुरंत अपने दोस्त और एडिशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया से संपर्क किया और उन्हें कॉल पर जोड़ लिया।
अफसर ने बताया कि ठगों ने महिला को करीब एक घंटे तक कॉल पर रोककर रखा और इसे ‘डिजिटल अरेस्ट’ जैसा बना दिया। वे महिला को बार-बार आधार कार्ड और सिम के दुरुपयोग की बातें कहकर धमकाते रहे। लेकिन जैसे ही ठगों को पता चला कि पति सीधे एडिशनल डीसीपी से बात कर रहे हैं, उन्होंने तुरंत कॉल काट दी और फरार हो गए।
एडिशनल डीसीपी दंडोतिया ने कहा कि साइबर ठग आए दिन लोगों को TRAI, बैंक या पुलिस बनकर डराते हैं। उन्होंने अपील की कि किसी भी संदिग्ध कॉल पर तुरंत पुलिस या साइबर सेल से संपर्क करें और किसी भी हाल में अपनी निजी जानकारी साझा न करें।