इंदौर -वैसे तो शहर में आए दिन कई ऐसी घटनाएं हुई हैं। जिसमें वर्दी हमेशा आगे बढ़ कर अपना फर्ज निभाया हैं। पिछले महीने ट्रक हादसे लेकर झण्डा चौक में एक तीन मंजिला इमारत गिरी हो लेकिन इंदौर पुलिस ने तरीफेकाबिल काम किया हैं। वर्दी पर कीचड़ उछालने वाले कई हैं। लेकिन वर्दी का सम्मान करने वाले इक्का दुक्का ही होते हैं। लेकिन काबिलियत को सम्मान मिले तो उसका मजा हो कुछ और होता हैं।
शनिवार दोपहर के 2 बजे के लगभग छोटी ग्वालटोली थाने में पदस्थ जवानों अपनी ड्यूटी कर रहे थे। तभी वो मस्जिद के समीप पहुंचे ही थे। तभी एक होटल में अलीगढ़ निवासी अब्दुल समद अचानक बेहोश होकर गिर पड़ा। उसे साइलेंट अटैक आया था । मोके पर मोजूद जवान लोकेश गाथे ने एक पल की देरी नहीं करते हुए उसे सीपीआर देना शुरू कर दिया। सबसे अच्छी बात यह रही है आरक्षक लोकेश के साथ मौजूद जयवीर ने तुरंत एम्बुलेंस को फोन कर दिया। वही दूसरी और लोकेश ने 30 सैकेंड में उसकी दिल की धड़कन को फिर से ले आए। यदि जवान एम्बुलेंस का इंतजार करते तो शायद वो व्यक्ति बच नहीं पाता। लेकिन समझदारी और सूझबूझ से दोनों जवानों ने एक व्यक्ति की जान बचाई।
दो बार दिखाई थी समझदारी और सूझबूझ-
(1 ) प्रधान आरक्षक लोकेश गाथे ने इससे पहले 7 मार्च 2019 तुकोगंज थाने के समीप सम्राट होटल पर आग लगी थी । जिसमें होटल में फंसे हुए 23 लोग को जवान ने अपनी जान की परवाह न करते हुए, सभी को मौत के मुंह से बाहर निकाला था। इस के लिए लोकेश को पहले भी जीवन रक्षक पदक मिल चुका हैं।
(2) यह घटना 13 दिसंबर 2024 को एक महिला ने पुलिस कंट्रोल रूम में ज़हरीला पदार्थ खाया था। घटना के समय लोकेश ने उस महिला को बाइक से एमवाई अस्पताल ले गये थे और महिला की जान भी बचाई थी।