Manisha Dhanwani
12 Dec 2025
Rishi oghma
12 Dec 2025
Naresh Bhagoria
11 Dec 2025
भोपाल। मध्य प्रदेश में IAS Santosh Verma एक बार फिर सुर्खियों में है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने विवादों में घिरे IAS अधिकारी संतोष कुमार वर्मा पर सख्त कार्रवाई करते हुए उनकी IAS सेवा समाप्त करने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजने का आदेश दिया है। लगातार बढ़ रहे विरोध, अशोभनीय बयानों और फर्जी दस्तावेजों के आरोपों के बीच यह कदम राज्य सरकार की अब तक की सबसे बड़ी प्रशासनिक कड़ी कार्रवाई मानी जा रही है।
इसी को देखते हुए सरकार ने वर्मा को तुरंत प्रभाव से कृषि विभाग से हटाकर GAD पूल में अटैच कर दिया है, जहां उनके पास कोई विभाग और कोई कार्य नहीं रहेगा। राज्य सरकार ने उनके खिलाफ चार्जशीट जारी करने का भी फैसला लिया है।
आईएएस संतोष वर्मा के नए पदस्थापना आदेश।
सामान्य प्रशासन विभाग (GAD) की प्राथमिक रिपोर्ट में गंभीर आरोप सामने आए हैं-
इन्हीं आधारों पर मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि, वर्मा को IAS सेवा में बनाए रखना अनुशासन, व्यवस्था और प्रशासनिक ईमानदारी के विरुद्ध है। इस बढ़ते विवाद ने सरकार को तुरंत कार्रवाई के लिए मजबूर किया।
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IAS संतोष वर्मा ने हाल ही में दो ऐसे बयान दिए, जिनसे प्रदेशभर में लोगों में आक्रोश फैल गया।
1. ब्राह्मण बेटियों पर विवादित टिप्पणी
अजाक्स सम्मेलन में उन्होंने कहा कि, जब तक मेरे बेटे को कोई ब्राह्मण अपनी बेटी दान नहीं देता, तब तक आरक्षण जारी रहना चाहिए। इस टिप्पणी से ब्राह्मण समाज भड़क उठा। कई जिलों में पुतला दहन, धरना और प्रदर्शन हुए।
2. हाईकोर्ट पर गंभीर आरोप
एक अन्य वीडियो में IAS वर्मा ने कहा कि, एसटी वर्ग के बच्चों को सिविल जज हाईकोर्ट नहीं बनने दे रहा… कटऑफ मार्क्स जानबूझकर कम दिए जाते हैं। न्यायपालिका पर ऐसे बयान ने मामला और अधिक गरम कर दिया।
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IAS वर्मा पर कार्रवाई न होने से नाराज ब्राह्मण समाज और अन्य समुदायों ने 14 दिसंबर को मुख्यमंत्री निवास का घेराव करने की घोषणा कर दी थी। कांग्रेस, बीजेपी और कई गैर-राजनीतिक संगठनों के लोग इस विरोध में शामिल होने वाले थे। प्रदेशभर में बंद की तैयारी भी की जा रही थी।
All India Services Conduct Rules के तहत IAS अधिकारी को पद की गरिमा के अनुरूप व्यवहार करना अनिवार्य है। किसी जाति, समुदाय या वर्ग के खिलाफ आपत्तिजनक या विभाजनकारी बयान देना प्रतिबंधित है। सार्वजनिक मंच पर तटस्थता और संयम आवश्यक है। राजनीतिक, भड़काऊ या समुदायों के बीच तनाव फैलाने वाली टिप्पणी गंभीर अनुशासनहीनता मानी जाती है। शिकायत आने पर सरकार स्पष्टीकरण, प्राथमिक जांच, शो-कॉज नोटिस और आवश्यकता पड़ने पर कठोर दंडात्मक कार्रवाई कर सकती है। वर्मा के हालिया बयानों को इन नियमों का स्पष्ट उल्लंघन माना गया।
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एक और वीडियो में संतोष वर्मा ने कहा कि, कितने संतोष वर्मा को मारोगे, कितने को जलाओगे, कितने को निगल जाओगे… अब हर घर से संतोष वर्मा निकलेगा। इस बयान ने विवाद को और भड़का दिया और विभिन्न समुदायों में तनाव बढ़ने लगा।
IAS अधिकारियों को हटाने का अधिकार राज्य सरकार के पास नहीं होता। राज्य केवल सस्पेंशन या विभागीय जांच कर सकता है। बर्खास्तगी का अंतिम अधिकार केंद्र सरकार और राष्ट्रपति के पास है। इसलिए मध्य प्रदेश सरकार ने पूरा बर्खास्तगी प्रस्ताव केंद्र को भेज दिया है।