Shivani Gupta
7 Nov 2025
Mithilesh Yadav
7 Nov 2025
Naresh Bhagoria
7 Nov 2025
अशोक गौतम, भोपाल। प्रदेश में हर घर नल से जल पहुंचाने की रफ्तार पिछले दस महीनों से मंद पड़ गई है। इसकी मुख्य वजह ठेकेदारों को भुगतान की गति में रुकावट है। केंद्र सरकार से इन परियोजनाओं के लिए अप्रैल 2024 से करीब 15 हजार करोड़ रुपए का भुगतान नहीं हो पा रहा है। राज्य सरकार ने परियोजना की जरूरतों का हवाला देते हुए केंद्र से इस राशि की मांग की है।
केंद्र से अगर यह राशि मिल जाती है तो इससे सौ से अधिक बड़ी समूह और 14 हजार एकल परियोजनाओं की गति में तेजी आ सकेगी। प्रदेश में अब तक 27 हजार 990 एकल ग्राम नल जल योजनाओं और 148 समूह जल प्रदाय योजनाओं की स्वीकृति प्रदान की गई है। एकल नल जल योजना में 15 हजार 947 ग्रामों की योजनाएं पूर्ण हो चुकी हैं। अब तक कुल 8 हजार 358 योजनाओं का रिवीजन किया गया है। इसके जरिए सात लाख ग्रामीण परिवारों को घरेलू नल कनेक्शन उपलब्ध कराए जाएंगे। बताया जाता है कि जल जीवन मिशन की डीपीआर योजना वर्ष 2021 में स्वीकृत हुई थी। वर्ष 2025 तक सभी घरों में नल से जल पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन केंद्र सरकार ने इस टारगेट को दो साल के लिए और बढ़ा दिया है। प्रदेश के 32 लाख से अधिक घरों तक मप्र जल निगम को पहुंचाना है पानी।
राज्य शासन के वित्त विभाग के पोर्टल के अनुसार जल जीवन मिशन में केंद्र सरकार से इस वर्ष 8,561 करोड़ रुपए मिलना है। लेकिन सात अक्टूबर तक राज्य को एक पैसा नहीं मिला है। जल जीवन मिशन में 16,417 करोड़ रुपए का बजट प्रावधान किया गया है। इसमें राज्य का हिस्सा 7,856 करोड़ रुपए है। धन की कमी से मप्र में समूह जल योजनाओं का काम पीछे चल रहा है।
1. 11 करोड़ घरों तक पाइप लाइन के जरिए पानी पहुंचाना है।
79. 14 लाख घरों तक पानी पहुंचाया गया है।
32.53 लाख घरों तक पानी पहुंचाना अभी शेष है।
इस बारे में पीएचई विभाग के प्रमुख सचिव पी. नरहरि कहते हैं कि मप्र प्रदेश एक मात्र ऐसा राज्य है जहां नल जल योजना की राशि बिना किसी रुकावट के जारी की जा रही है। यहां केंद्रांश की भी राशि राज्य सरकार ने अपने मद से देने का प्रावधान किया है। किसी भी ठेकेदार का कोई बिल बकाया नहीं है, निरंतर भुगतान हो रहा है।