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Garima Vishwakarma
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नई दिल्ली। देश की एयरोस्पेस कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) सितंबर के अंत तक भारतीय वायुसेना को दो तेजस मार्क-1ए फाइटर जेट्स सौंपने की तैयारी में है। इन विमानों में हथियारों का इंटीग्रेशन भी कर लिया गया है। डिफेंस सेक्रेटरी के मुताबिक, सरकार जल्द ही HAL के साथ 97 अतिरिक्त तेजस जेट्स की खरीद के लिए नया कॉन्ट्रैक्ट साइन करेगी।
सिंह ने बताया कि सरकार एचएएल के साथ 97 और तेजस मार्क-1ए खरीदने का करार करने जा रही है। यह डील करीब 67,000 करोड़ रुपए की होगी। फिलहाल वायुसेना के बेड़े में 38 तेजस शामिल हैं, जबकि फरवरी 2021 में 83 तेजस जेट्स की खरीद के लिए 48,000 करोड़ रुपए का अनुबंध पहले ही हो चुका है।
अब तक HAL एक भी तेजस मार्क-1ए सौंप नहीं पाया है। देरी की सबसे बड़ी वजह अमेरिकी कंपनी GE Aerospace रही, जिसने इंजनों की सप्लाई में कई डेडलाइन मिस कीं। हालांकि अब एचएएल का कहना है कि सभी तकनीकी खामियां दूर कर ली गई हैं और 2028 तक सभी जेट्स डिलीवर कर दिए जाएंगे।
तेजस का यह नया वर्जन LCA Mark-1A कई मायनों में अपग्रेडेड है-
भारतीय वायुसेना के MiG-21 लड़ाकू विमान, जिन्होंने 62 साल तक सेवा दी, 19 सितंबर को रिटायर हो रहे हैं। तेजस मार्क-1ए इन्हें रिप्लेस करेगा। माना जा रहा है कि इन्हें राजस्थान के बीकानेर स्थित नाल एयरबेस पर तैनात किया जाएगा।
तेजस प्रोजेक्ट को भारत की आत्मनिर्भरता और मेक-इन-इंडिया पहल का अहम हिस्सा माना जा रहा है। LCA मार्क-1A में 65% से ज्यादा उपकरण भारत में ही बने हैं। आने वाले समय में यह विमान भारतीय वायुसेना की रीढ़ साबित होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नवंबर 2022 में बेंगलुरु में तेजस में उड़ान भरकर इतिहास रचा था। किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यह पहली फाइटर जेट उड़ान थी।
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