Manisha Dhanwani
4 Nov 2025
Peoples Reporter
4 Nov 2025
हरिद्वार। उत्तराखंड की धर्मनगरी हरिद्वार में कांवड़ यात्रा चरम पर है। गुरुवार को इस यात्रा ने एक विशेष अध्याय जोड़ा, जब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हर की पौड़ी पहुंचकर कांवड़ियों के चरण धोकर उनका सम्मान किया और हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा कर शिवभक्तों का स्वागत किया। पूरे हरिद्वार में भगवा वस्त्रधारी कांवड़ियों की भीड़ और “हर हर महादेव”, “बोल बम” के जयकारों से वातावरण गूंज उठा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हर की पौड़ी पर पहुंचकर हजारों कांवड़ियों के बीच शिवभक्तों के पैर धोए, उन्हें माला पहनाई और फल भेंट किए। इस दौरान उनका कहना था- “यह मेरे जीवन का सौभाग्य है कि मुझे भगवान शिव के भक्तों की सेवा और चरण पूजन करने का अवसर मिला। यह यात्रा आस्था, तपस्या और त्याग का प्रतीक है।”
उन्होंने कहा कि कांवड़ यात्रा केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि आंतरिक शक्ति, धैर्य और समर्पण की यात्रा है। मुख्यमंत्री ने शिवभक्तों की सुरक्षित व सुगम यात्रा की कामना भी की।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर हेलीकॉप्टर से हरिद्वार में कांवड़ियों पर फूलों की वर्षा की गई। यह दृश्य श्रद्धा, सेवा और सम्मान का अद्भुत प्रतीक बन गया। हजारों की संख्या में हरिद्वार पहुंचे कांवड़ियों ने इस भावुक पल को कैमरों में कैद किया और मुख्यमंत्री का आभार जताया।
कुछ स्थानों पर कांवड़ यात्रा के दौरान हुई हंगामे और तोड़फोड़ की घटनाओं पर सवाल पूछे जाने पर मुख्यमंत्री धामी ने कहा- जैसे भगवान शिव ने कल्याण के लिए विषपान किया, वैसे ही उनके भक्तों को भी संयम और सेवा का आदर्श प्रस्तुत करना चाहिए। किसी को कठिनाई हो तो भगवान शिव का ध्यान करें, लेकिन दूसरों के लिए कष्ट न बनें। उन्होंने पुलिस और प्रशासन द्वारा किए जा रहे प्रबंधों की भी सराहना की और कांवड़ियों से सहयोग की अपील की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड एक पवित्र देवभूमि है और इसके मूल सांस्कृतिक स्वरूप को सुरक्षित रखने के लिए सरकार कटिबद्ध है। राज्य में धर्मांतरण, भूमि जिहाद, लव जिहाद जैसी गतिविधियों के खिलाफ कठोर कानून बनाए गए हैं। साथ ही देश में पहली बार समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू कर सभी नागरिकों को एक समान अधिकार और जिम्मेदारियां दी गई हैं।
हरिद्वार में इस समय लाखों की संख्या में कांवड़िए पहुंच रहे हैं, जो सैकड़ों किलोमीटर की यात्रा करके गंगाजल लेकर अपने गांव-शहरों में भगवान शिव का जलाभिषेक करने जाते हैं। प्रशासन की ओर से यात्रा के लिए सुरक्षा, चिकित्सा और जलपान की विशेष व्यवस्थाएं की गई हैं।