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फिल्ममेकर राम गोपाल वर्मा की जल्द हो सकती है गिरफ्तारी! कोर्ट ने जारी किया गैर-जमानती वारंट, चेक बाउंस का मामला

एंटरटेनमेंट डेस्क। मशहूर फिल्ममेकर राम गोपाल वर्मा की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। मुंबई कोर्ट ने शुक्रवार को उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया। यह कार्रवाई चेक बाउंस मामले में की गई, जिसमें वर्मा को पहले ही दोषी ठहराया जा चुका है। राम गोपाल वर्मा ने सजा में राहत दिए जाने की अपील की थी, लेकिन अदालत ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी। इस फैसले के बाद उनकी जल्द गिरफ्तारी की संभावना जताई जा रही है।

कोर्ट ने क्यों खारिज की वर्मा की याचिका

मुंबई की एक अदालत में हाल ही में राम गोपाल वर्मा की सजा को निलंबित करने की अपील पर सुनवाई हुई। फिल्ममेकर के वकील दुरेंद्र के एच शर्मा ने दो याचिकाएं दायर की थीं। पहली याचिका जमानत के लिए थी और दूसरी याचिका सजा में राहत के लिए थी। हालांकि, अदालत ने दोनों याचिकाएं खारिज कर दीं और गैर-जमानती वारंट जारी कर दिया।

क्या है पूरा मामला

यह मामला एक चेक बाउंस से जुड़ा है। राम गोपाल वर्मा की कंपनी ने ‘श्री’ नामक एक कंपनी को 2.38 लाख रुपए का चेक दिया था, लेकिन वह बाउंस हो गया। इसके बाद, श्री कंपनी ने महेशचंद्र मिश्रा के जरिए वर्मा पर केस दर्ज कराया। 2022 में इस मामले में वर्मा को 5000 रुपए के निजी बॉन्ड पर जमानत मिल गई थी। लेकिन, 21 जनवरी 2025 को कोर्ट ने इस मामले में अपना फैसला सुनाते हुए राम गोपाल वर्मा को दोषी ठहराया।

क्या सजा दी गई है वर्मा को

न्यायिक मजिस्ट्रेट वाई पी पुजारी ने राम गोपाल वर्मा को 3 महीने की जेल की सजा सुनाई और 3.72 लाख रुपए जुर्माना लगाने का आदेश दिया। जिस अपराध के तहत उन्हें यह सजा मिली है, वह भारतीय कानून के ‘नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट’ की धारा 138 के तहत आता है।

फिल्मों से ज्यादा विवादों में रहते हैं वर्मा

राम गोपाल वर्मा अपनी फिल्मों से ज्यादा विवादित बयानों और कानूनी मामलों को लेकर चर्चा में रहते हैं। कुछ समय पहले उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। इस बयान को लेकर उनके खिलाफ कई शिकायतें दर्ज हुई थीं। 11 नवंबर 2024 को वर्मा के खिलाफ आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की गरिमा को ठेस पहुंचाने का मामला दर्ज किया गया था। उन पर आरोप था कि उन्होंने सोशल मीडिया का दुरुपयोग करके चंद्रबाबू नायडू, उनके बेटे नारा लोकेश, बहू ब्रह्माणी और अन्य टीडीपी नेताओं की छवि धूमिल करने की कोशिश की।

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