Aditi Rawat
30 Oct 2025
नई दिल्ली। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने अपने लाखों सदस्यों के लिए एक बड़ा बदलाव किया है। अब यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (UAN) को जनरेट और एक्टिवेट करने की प्रक्रिया पूरी तरह से डिजिटल और आसान बना दी गई है। ईपीएफओ ने 7 अगस्त से एक नया नियम लागू किया है, जिसके तहत अब पहली नौकरी के साथ ही UAN जनरेट करने के लिए आधार बेस्ड फेस ऑथेंटिकेशन को अनिवार्य कर दिया गया है। यह प्रक्रिया अब UMANG ऐप के जरिए पूरी होगी और इसके लिए न तो कर्मचारी को नियोक्ता (एंप्लॉयर) के पास जाना होगा और न ही किसी ऑफिस में लंबी लाइनें लगानी होंगी।
EPFO ने 30 जुलाई को एक सर्कुलर जारी कर इस बदलाव की आधिकारिक घोषणा की थी। इसके अनुसार अब भारत के लगभग सभी नए पीएफ अकाउंट होल्डर्स को अपना UAN आधार फेस ऑथेंटिकेशन के माध्यम से UMANG ऐप पर ही जनरेट और एक्टिवेट करना होगा। यह प्रक्रिया इतनी सरल कर दी गई है कि यूजर इसे अपने मोबाइल पर कुछ ही मिनटों में पूरा कर सकते हैं। इसके लिए केवल वैध आधार कार्ड, उस आधार से लिंक मोबाइल नंबर और फेस स्कैनिंग के लिए Aadhaar Face RD App की जरूरत होगी।
EPFO के इस नए नियम के पीछे सबसे बड़ा मकसद यह है कि UAN जनरेट करने की प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी, तेज और सुरक्षित बनाया जा सके। अब तक कर्मचारियों को यह कार्य नियोक्ताओं के माध्यम से करना होता था, जिससे जानकारी में त्रुटियों, विलंब और ईपीएफ सेवाओं तक समय पर पहुंच में कई बार समस्याएं आती थीं। लेकिन नया सिस्टम सीधे आधार डेटाबेस से जानकारी खींचता है, जिससे किसी भी तरह की मैन्युअल गलती की संभावना समाप्त हो जाती है। साथ ही फेस ऑथेंटिकेशन टेक्नोलॉजी (FAT) के माध्यम से यूजर की पहचान की पुष्टि बेहद सटीक तरीके से होती है।
UMANG ऐप से UAN जनरेट करने और एक्टिवेट करने के बाद, यूजर अपनी ई-यूएएन कार्ड की डिजिटल कॉपी भी सीधे ऐप से डाउनलोड कर सकता है। इस कार्ड को वह अपने नियोक्ता के साथ साझा कर सकता है ताकि उसे पीएफ सेवाओं का लाभ बिना किसी देरी के मिल सके। यह सुविधा उन नए कर्मचारियों के लिए खासतौर पर उपयोगी है जो पहली बार किसी नौकरी में प्रवेश कर रहे हैं और पीएफ खाते से जुड़े लाभों के हकदार बनते हैं।
हालांकि EPFO ने अधिकतर मामलों में आधार फेस ऑथेंटिकेशन को अनिवार्य कर दिया है, लेकिन कुछ विशेष श्रेणियों को इससे छूट भी दी गई है। अंतरराष्ट्रीय कर्मचारी, नेपाल और भूटान के नागरिकों के लिए पुराने तरीके से ही नियोक्ता के माध्यम से UAN जनरेट करने की सुविधा बरकरार रखी गई है। यानी इन मामलों में अभी भी मैन्युअल प्रोसेस स्वीकार्य है।