Mithilesh Yadav
7 Oct 2025
Peoples Reporter
7 Oct 2025
नई दिल्ली। लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने चुनाव आयोग के नोटिस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि जिस डेटा पर चुनाव आयोग हस्ताक्षरित शपथपत्र मांग रहा है, वह उनका नहीं बल्कि आयोग का डेटा है, इसलिए वह उस पर साइन क्यों करें। राहुल ने आरोप लगाया कि यह सब असल मुद्दे से ध्यान भटकाने की कोशिश है और वोट चोरी का मामला सिर्फ कर्नाटक तक सीमित नहीं है, बल्कि कई निर्वाचन क्षेत्रों में हुआ है।
राहुल गांधी ने सोमवार को पत्रकारों से कहा, “यह चुनाव आयोग का डेटा है, मेरा नहीं। अगर सच जानना है तो इसे अपनी वेबसाइट पर डाल दीजिए। लोगों को पता चल जाएगा।”
उन्होंने कहा कि यह मामला सिर्फ बेंगलुरु का नहीं, बल्कि देश के कई हिस्सों का है, जहां गड़बड़ी हुई है।
हिरासत से रिहा होने के बाद संसद के बाहर राहुल गांधी ने कहा, “300 सांसद सिर्फ एक दस्तावेज सौंपने के लिए चुनाव आयोग जाना चाहते थे, लेकिन हमें रोका गया। वे डरते हैं कि अगर हम सब पहुंच गए और सच सामने आ गया तो क्या होगा।”
उन्होंने कहा कि यह अब सिर्फ राजनीतिक लड़ाई नहीं रही, बल्कि यह संविधान और ‘वन मैन, वन वोट’ की लड़ाई है।
राहुल गांधी ने दावा किया कि कर्नाटक में कांग्रेस ने साफ तौर पर साबित किया कि वहां ‘मल्टीपल मैन, मल्टीपल वोट’ की स्थिति थी। उन्होंने कहा कि पूरा विपक्ष इस मुद्दे पर एकजुट होकर लड़ रहा है और चुनाव आयोग के लिए इसे छुपाना मुश्किल होता जा रहा है।
राहुल गांधी ने इंडिया गठबंधन के सभी साथियों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “सभी साथी सांसदों ने कंधे से कंधा मिलाकर और पूरी ताकत से वोट चोरी के खिलाफ इस लड़ाई में हिस्सा लिया है। इसके लिए मैं उनका दिल से धन्यवाद करता हूं।”
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राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर भी पोस्ट किया। उन्होंने लिखा, “जैसा कि मैंने कहा था, यह लड़ाई अब सिर्फ राजनीतिक नहीं रही। यह लोकतंत्र और मतदान के अधिकार की रक्षा के लिए है और हम सभी मिलकर इसे जीतेंगे।”