Peoples Reporter
7 Oct 2025
वॉशिंगटन डीसी। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को यूक्रेन युद्ध को लेकर कड़ी चेतावनी दी है। ट्रंप ने साफ कहा है कि, अगर पुतिन 15 अगस्त को अलास्का में होने वाली मुलाकात के बाद भी युद्धविराम पर सहमत नहीं होते हैं, तो रूस को गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। यह बैठक तीन साल छह महीने से जारी रूस-यूक्रेन युद्ध के अंत की दिशा में एक अहम कदम मानी जा रही है।
ट्रंप और पुतिन पहली बार अमेरिकी जमीन पर मिलेंगे। रूस ने पहले बैठक के लिए यूएई का सुझाव दिया था, लेकिन ट्रंप ने अलास्का को चुना। इस वार्ता का मुख्य उद्देश्य युद्धविराम पर सहमति बनाना और स्थायी शांति स्थापित करना है। ट्रंप का कहना है कि अगर पहली बैठक सफल रहती है तो जल्द ही दूसरी बैठक आयोजित होगी, जिसमें यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की भी शामिल होंगे।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “अगर पुतिन युद्धविराम पर सहमत नहीं होते हैं, तो इसके गंभीर परिणाम होंगे। मुझे प्रकार बताने की जरूरत नहीं है, लेकिन ये नतीजे बेहद कड़े होंगे।”
ट्रंप ने यह भी कहा कि वे इस युद्ध को खत्म करने पर गर्व महसूस करेंगे, जैसे उन्होंने पिछले छह महीनों में पांच युद्ध खत्म करवाए। साथ ही उन्होंने इस संघर्ष को ‘बाइडेन का युद्ध’ बताते हुए पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन को जिम्मेदार ठहराया।
जेलेंस्की का साफ संदेश- एक इंच जमीन नहीं छोड़ेंगे
वर्चुअल मीटिंग में यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने साफ कहा कि यूक्रेन की कोई भी जमीन रूस को नहीं सौंपी जाएगी। “हमारा संविधान और जनता की इच्छा के बिना कोई फैसला नहीं हो सकता। पहले युद्धविराम होना चाहिए, फिर सुरक्षा की गारंटी।”
जेलेंस्की ने पुतिन पर भरोसा न करने की बात भी कही, यह आरोप लगाते हुए कि रूस पश्चिमी प्रतिबंधों को नकारकर धोखा दे रहा है।
भारत भी इस वार्ता पर करीबी नजर रखे हुए है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले ही रूस और यूक्रेन दोनों का दौरा कर शांति प्रयास कर चुके हैं। भारत के दोनों देशों से मजबूत संबंध हैं और वह इस संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान का समर्थक है।
15 अगस्त की अलास्का बैठक न सिर्फ अमेरिका और रूस के लिए, बल्कि पूरी दुनिया के लिए अहम है। इस बैठक के नतीजे तय कर सकते हैं कि क्या तीन साल से अधिक समय से जारी यह युद्ध रुक पाएगा या हालात और बिगड़ेंगे। दुनिया की नज़र अब पुतिन के जवाब और ट्रंप की अगली चाल पर है।
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