Garima Vishwakarma
19 Nov 2025
Aakash Waghmare
19 Nov 2025
नरेश भगोरिया, भोपाल। राजधानी के टॉयलेट्स को साफ और स्वच्छ रखने के साथ ही अब इन्हें इको फ्रैंडली बनाया जा रहा है। इसके लिए टॉयलेट्स को पॉलीथिन फ्री तो रखा ही जाएगा साथ ही यहां सोलर एनर्जी पर भी काम करने का भी विचार है। अगर सब कुछ ठीक रहा तो राजधानी के सामुदायिक और पब्लिक टॉयलेट्स की छतों पर सोलर पैनल लगाकर बिजली ली जाएगी। इसके साथ ही टॉयलेट्स में पानी की उपलब्धता, सफाई आदि बातों का निरंतर ध्यान रखा जाएगा। राजधानी की बढ़ती जरूरतों को ध्यान में रखते हुए कुछ और टॉयलेट निर्माण पर भी काम किया जा रहा है।
देश का दूसरे सबसे स्वच्छ शहर में अब तमगा नहीं लोगों की सुविधाओं के लिए अच्छी व्यवस्थाएं बरकरार रखना चुनौती है। इसके लिए नगर निगम ने मॉनिटरिंग पर ध्यान दिया है। कुछ टॉयलेट्स में फीडबैक सिस्टम भी काम कर रहा है। इस पर लोगों से मिलने वाली प्रतिक्रियाओं पर तत्काल ध्यान दिया जाता है। इनसे काम बेहतर हुआ है। इसके साथ ही सुविधाएं बढ़ाने पर भी विचार किया जा रहा है। शहर के बढ़ते प्रसार को देखते हुए नए इलाकों में भी सामुदायिक टॉयलेट और यूरिनल के निर्माण किए जाएंगे। जिन जगहों से मांग आई है, वहां जगह तलाश की जा रही है।

राजधानी में 45 नए यूरिनल बनाए जाने हैं। इनमें से 5 पर काम शुरू कर दिया गया है। इसी तरह नए बनने वाले 150 यूरिनल में से 16 का काम शुरू हो गया है। निगम प्रशासन का मानना है कि ये निर्माण होने पर रहवासियों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी। इसके साथ थी जिन टॉयलेट पर ज्यादा फुटफॉल है, वहां लगातार निगरानी से अच्छी व्यवस्थाएं बरकरार रखी जा रही हैं। गौरतलब है कि राजधानी में न्यू मार्केट और बोट क्लब के पास स्थित ऐसे टॉयलेट हैं जो दिनभर में सबसे ज्यादा यूज किए जाते हैं। वर्ल्ड टॉयलेट डे पर निगम ने टॉयलेट्स को सजाया और स्वच्छता कर्मियों और केयरटेकर्स का सम्मान भी किया गया।