Naresh Bhagoria
18 Nov 2025
Naresh Bhagoria
17 Nov 2025
रायपुर। छत्तीसगढ़ में चल रही शराब घोटाले की जांच लगातार सुर्खियों में है। इसी मामले में गिरफ्तार पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल से मिलने बुधवार को पूरा बघेल परिवार रायपुर सेंट्रल जेल पहुंचा। मुलाकात के दौरान जेल परिसर के बाहर भी हलचल दिखी।
बता दें कि, पूर्व CM भूपेश बघेल अपनी पत्नी, बहू और अन्य परिजनों के साथ जेल पहुंचे। यह पहला मौका नहीं है जब वे बेटे से मिलने आए हों। लेकिन इस बार पूरे परिवार के पहुंचने से मामले ने फिर से राजनीतिक रंग ले लिया। चैतन्य बघेल पिछले तीन महीनों से न्यायिक हिरासत में हैं।
शराब घोटाले की जांच के दौरान प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए चैतन्य बघेल की 61.20 करोड़ रुपए मूल्य की संपत्तियों को अटैच किया था। ईडी की इस कार्रवाई में 364 आवासीय प्लॉट और कई कृषि भूमि के टुकड़े शामिल हैं। यह पूरी कार्रवाई धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत की गई। जिसके आधार पर एजेंसी ने अवैध कमाई और उसके उपयोग से जुड़ी वित्तीय लेन-देन की जांच करते हुए इन संपत्तियों को जब्त किया
यह जांच एसीबी-ईओडब्ल्यू रायपुर द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर शुरू हुई थी। जिसमें IPC और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराएं शामिल थीं। जांच में सामने आया कि इस कथित घोटाले से राज्य सरकार को भारी नुकसान हुआ और करीब 2500 करोड़ रुपए की अवैध कमाई हुई।
ईडी की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि चैतन्य बघेल शराब सिंडिकेट के सर्वोच्च स्तर पर काम कर रहा था और पूरे नेटवर्क का नियंत्रण उसके हाथ में था। एजेंसी का आरोप है कि अवैध कमाई का पूरा हिसाब चैतन्य ही रखता था। वहीं, कलेक्शन से लेकर रकम को आगे चैनलाइज करने तथा वितरण तक से जुड़े बड़े निर्णय उसी के निर्देश पर लिए जाते थे। रिपोर्ट के अनुसार, उसकी राजनीतिक पहुंच और प्रभाव के कारण वह पूरे सिंडिकेट का प्रमुख निर्णयकर्ता माना जाता था।