पीपुल्स संवाददाता भोपाल। राजधानी की उधड़ी सड़कों का जायजा लेने शनिवार को एसीएस संजय दुबे अचानक सड़क पर उतर आए। उन्होंने अपनी कार का स्टेयरिंग संभाला और शहर की सड़कों की गश्त पर निकल गए। उन्होंने पीडब्ल्यूडी और नगर निगम बदहाल सड़कों का जायजा लिया। उनके पीछे-पीछे नगर निगम आयुक्त संस्कृति जैन और पीडब्ल्यूडी के आला अफसर भी मौजूद रहे। उन्होंने सड़कों की बदहाली के साथ ही अतिक्रमण से तंग सड़कों पर जगह-जगह लगे जाम को देख न सिर्फ नाराजगी जताई, बल्कि जिम्मेदार अफसरों को मौके पर तलब कर पूछा कि सड़कों को दुरुस्त करने और अतिक्रमण हटाने की क्या प्लानिंग है।
शनिवार की दोपहर नगरीय प्रशासन एवं आवास विभाग के प्रमुख सचिव संजय दुबे और नगर निगम आयुक्त जैन सबसे पहले बोगदा पुल पहुंचे। इसके बाद उन्होंने एमपी नगर, रानी कमलापति स्टेशन के सामने से होते हुए होशंगाबाद रोड का जायजा लिया। इसके बाद त्रिलंगा इलाके में भी पहुंचे। आखिर में अधिकारियों का काफिला 12 नंबर मल्टी पहुंचा। जहां हाउसिंग फॉर ऑल के निर्माणाधीन आवासों को लेकर चर्चा की। एसीएस ने एचएफए के अधिकारियों को जल्द प्रोजेक्ट पूरा करने के निर्देश दिए। बताया जाता है कि एसीएस संजय दुबे ने शहर की सभी सड़कों की जानकारी मांगी है। सोमवार तक अधिकारियों ने इसकी रिपोर्ट देने का भरोसा दिलाया है।
पीडब्ल्यूडी की सड़कें ज्यादा खराब
जिंसी सेंटर पाइंट पर स्थित धर्मकांटा के पास एसीएस संजय दुबे ने नगर निगम के यांत्रिक विभाग से सड़कों की जानकारी मांगी। साथ चल रहे यांत्रिक विभाग के एसई सुबोध जैन ने उन्हें एक ड्राइंग दिखाई। इसमें एसीएस को बताया गया कि शहर की सभी मुख्य सड़कें पीडब्ल्यूडी के अंडर में आती हैं। इस पर उन्होंने अधिकारियों से कहा कि दो दिन में दोनों विभाग अपनी-अपनी सड़कों का नक्शा बनाकर दें। करीब 10 मिनट तक जिंसी पर एसीएस ने अधिकारियों से चर्चा की।
मेट्रो रूट पर नहीं बनी सड़कें
सुभाष नगर मेट्रो डिपो के सामने ही सड़क की जगह कच्चा रास्ता नजर आ रहा है। उसमें भी दो-दो फीट चौड़ें और 8 से 10 इंच गहरे गड्ढे हैं। इन गड्ढों में खुद एसीएस संजय दुबे ने वाहन चलाकर लोगों की परेशानी को समझा। इसी तरह होशंगाबाद रोड पर सड़क का सरफेस खराब हो चुका है और सड़क पूरी तरह छलनी है। यहां भी एसीएस ने वाहन चलाकर देखा। गौरतलब है कि मेट्रो रूट की सभी सड़कें पूरी तरह खराब हैं और हर सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढे नजर आ रहे हैं। साथ ही डामर वाली सड़कें छलनी हो चुकी हैं।