Shivani Gupta
20 Oct 2025
विक्रांत गुप्ता
भोपाल। आज हम आपको बताने जा रहे हैं मध्य प्रदेश का ऐसा गणेश मंदिर जो अपने आपमें अनूठा है। यह है उज्जैन से 6 किमी दूर स्थित चिंतामन गणेश मंदिर। यहां पर गणेशजी की एक साथ तीन मूर्तियां स्थापित हैं। चिंतामन गणेश, इच्छामन गणेश और सिद्धिविनायक। मान्यता है भगवान श्रीराम ने इसकी स्थापना की थी। इस मंदिर में बिना मुहूर्त के ही लोग गणेशजी का साक्षी मानकर शादी-विवाह करते हैं। उज्जैन में ग्रहों का पूजन कराने वाले पं. रामचंद्र शास्त्री ने बताया कि मान्यता है कि सीहोर के चिंतामण गणेश को तरह के प्रतिमाएं स्वयं-गू है। यहां आने वाले भक्त उल्टा स्वास्तिक बनाकर गणेश जी से कुछ मांगते हैं और जब मनोकामना पूरी हो जाती है, तो सीधा स्वास्तिक बनाते हैं।
मंदिर के मुख्य पुजारी गणेश गुरु ने बताया कि यदि किसी दपति को मनोकामना के बाद संतान प्राप्ति होती है, तो वे बच्चे के वजन के बराबर लड्डू तौलकर भगवान गणेश को अर्पित करते हैं। लोक मान्यता है कि बड़ी प्रतिमा चिंतामन गणेशजी की है, जिसकी स्थापना स्वयं भगवान श्री राम ने की है। दूसरी प्रतिमा इच्छामन गणेश की है, जिसकी स्थापना लक्ष्मण जी ने की है और तीसरी सिद्धिविनायक गणेश जी की प्रतिमा की स्थापना माता सीता जी ने की है। यहां एक प्राचीन बावड़ी भी है। ऐसी मान्यता है कि इसका निर्माण लक्ष्मण जी के बाण से हुआ है।
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पं. रामचंद्र शास्त्री ने बताया कि मालवांचल के नव दंपति शादी के बाद सबसे पहले यहां आशीर्वाद लेने जरूर आते हैं। वे बताते हैं मंदिर में खूब शादियां होती है। लोग यहां बिना किसी मुहूर्त के गणेशजी को साक्षी मानकर शादी करते हैं।
मुख्य पुजारी गणेश गुरु ने बताया कि गणेशोत्सव के दौरान यहां करीब 100 लोग मिलकर पैसा इकट्ठा करते हैं और इसी के 10 दिन तक प्रसाद बांटा जाता है। गणेशोत्सव के दौरान करीब 55 क्विंटल का प्रसाद बंट जाता है।