कोलकाता। संदेशखाली मामले में मंगलवार को कलकत्ता हाईकोर्ट ने बंगाल सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि, एक आरोपी मंत्री अब तक फरार कैसे है? उसे पुलिस अब तक क्यों नहीं पकड़ पाई है। इस बीच, आज डिविजन बेंच के आदेश के बाद बंगाल भाजपा लीडर शुभेंदु अधिकारी संदेशखाली पहुंच गए हैं। शुभेंदु अधिकारी को सोमवार को कलकत्ता हाईकोर्ट ने संदेशखाली जाने की इजाजत दी थी। इससे पहले उन्हें पुलिस ने जाने से रोक दिया था, जिसके बाद वह धरने पर बैठ गए थे। हालांकि, कोर्ट ने उन्हें भड़काऊ भाषण न देने की हिदायत दी है। वहीं, नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) संदेशखाली मामले में आरोपी शाहजहां शेख की तलाश कर रही है।
ममता सरकार पर जांच नहीं कराने का आरोप
शुभेंदु अधिकारी कलकत्ता हाईकोर्ट से इजाजत मिलने के बाद संदेशखाली जा रहे थे, लेकिन वहां पहले ही धारा 144 लगा लागू कर दी गई है। संदेशखाली जाने से पहले उन्होंने कहा था कि, उन्हें जाने से रोका जाएगा पर हाईकोर्ट के ऑर्डर के बाद वे लोग वहां जा रहे हैं। वहीं वृंदा करात ने टीएमसी पर गुंडागर्दी और मामले की जांच नहीं कराने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, वे लोग घटना को लेकर साजिश रच रहे हैं।
पत्रकार को किया गिरफ्तार
संदेशखाली में मामले की कवरेज के लिए एक बंगाली समाचार चैनल के पत्रकार को सोमवार रात पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। पुलिस ने कहा कि, पत्रकार को एक स्थानीय महिला के घर में जबरन घुसने की शिकायत के बाद गिरफ्तार किया गया था। वहीं, कोलकाता प्रेस क्लब ने गिरफ्तारी की निंदा की है।
राष्ट्रपति शासन लगाने मांग की
राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने सोमवार को संदेशखाली में अशांति के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस्तीफे और राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की।
क्या है संदेशखाली का मामला?
दरअसल, संदेशखाली में बड़ी संख्या में महिलाओं ने ममता सरकार के कद्दावर नेता शाहजहां शेख और उनके समर्थकों पर जबरदस्ती जमीन हड़पने और यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है। यह इलाका टीएमसी के नेता शाहजहां शेख के दबदबे वाला है। शाहजहां शेख राशन घोटाले में 5 जनवरी को ईडी की छापेमारी के दौरान टीम पर हुए हमले के बाद से फरार है। उसके फरार होने के बाद 8 फरवरी से स्थानीय महिलाओं ने शाहजहां शेख और उनके समर्थकों के खिलाफ प्रदर्शन शुरू किया। जिसके बाद मामला तूल पकड़ने लगा। महिलाओं ने आरोप लगाया कि, शाहजहां शेख और उसके लोग महिलाओं का यौन शोषण भी करते थे। 9 फरवरी को प्रदर्शनकारी महिलाओं ने शाहजहां समर्थक हाजरा के तीन पोल्ट्री फार्मों को जला दिया। महिलाओं का दावा था कि, वे स्थानीय ग्रामीणों से जबरन छीनी गई जमीन पर बने थे। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल ने भी यहां का दौरा करने के बाद कहा था कि, संदेशखाली में स्थिति काफी गंभीर है।
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