Manisha Dhanwani
21 Oct 2025
नई दिल्ली। बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर संसद के मानसून सत्र में भारी राजनीतिक तूफान खड़ा हो गया है। शुक्रवार को संसद के पांचवें दिन विपक्षी दलों ने इस मुद्दे पर केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही हंगामे की भेंट चढ़ गई, जबकि संसद भवन परिसर में विपक्षी सांसदों ने जोरदार विरोध-प्रदर्शन किया।
संसद सत्र शुरू होने से पहले विपक्षी सांसदों ने गांधी प्रतिमा से लेकर नए संसद भवन के प्रवेश द्वार ‘मकर द्वार’ तक पैदल मार्च किया। इस विरोध मार्च में कांग्रेस नेता राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे के अलावा कई अन्य विपक्षी सांसद शामिल हुए।
मार्च के अंत में नेताओं ने “SIR” लिखे पोस्टर फाड़े और प्रतीकात्मक रूप से उन्हें कूड़ेदान में फेंका। इसके बाद “मोदी सरकार हाय-हाय” और “लोकतंत्र की हत्या बंद करो” जैसे नारे भी लगाए गए।
लोकसभा की कार्यवाही जैसे ही शुरू हुई, विपक्षी सांसद तख्तियां लेकर वेल में आ गए और SIR के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। स्पीकर ओम बिरला ने नाराजगी जताते हुए कहा कि “तख्तियां लेकर आना लोकतंत्र की परंपरा नहीं है”। इसके बाद सदन की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक स्थगित कर दी गई।
राज्यसभा में भी शून्यकाल शुरू होते ही विपक्ष ने हंगामा किया। उपसभापति हरिवंश ने जैसे ही जीरो ऑवर शुरू किया, विपक्षी सांसदों ने हंगामा शुरू कर दिया, जिससे कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक स्थगित करनी पड़ी।
भारत निर्वाचन आयोग ने 24 जून 2025 को बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों से पहले विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) की घोषणा की थी। यह प्रक्रिया 25 जून से 26 जुलाई तक चलेगी। चुनाव आयोग का कहना है कि इसका उद्देश्य मतदाता सूची को अपडेट करना और अवैध, मृत, या स्थानांतरित मतदाताओं को हटाना है।
हालांकि, विपक्ष का आरोप है कि यह एक सुनियोजित साजिश है जिसके जरिए गरीब और पिछड़े वर्गों को वोट देने से वंचित किया जा रहा है।
राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार संविधान का पालन नहीं कर रही और वह सिर्फ एलीट क्लास को वोट देने देना चाहती है। कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने इसे “लोकतंत्र की हत्या” करार दिया और कहा कि यह लड़ाई हर लोकतांत्रिक मंच पर लड़ी जाएगी।
आंकड़ों पर नजर डालें तो…
इसी दिन दक्षिण भारत के सुपरस्टार और मक्कल नीधि मैयम के प्रमुख कमल हासन ने तमिल भाषा में राज्यसभा सदस्य के रूप में शपथ ली। उनके साथ ही डीएमके के अन्य तीन सांसदों ने भी सदस्यता की शपथ ली।
गृहमंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में मणिपुर में राष्ट्रपति शासन को छह महीने बढ़ाने का प्रस्ताव पेश किया, जिसे मंजूरी दे दी गई। यह 31 अगस्त 2025 से लागू होगा।