Manisha Dhanwani
25 Nov 2025
अयोध्या। अयोध्या के राम जन्मभूमि मंदिर में ऐतिहासिक पल आया, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और RSS प्रमुख मोहन भागवत ने 673 दिनों के इंतजार के बाद मंदिर के शिखर पर धर्मध्वजा फहराई। सुबह 11.50 बजे अभिजीत मुहूर्त में 2 किलो की केसरिया ध्वजा 161 फीट ऊंचे शिखर पर लहराने लगी, जिससे मंदिर का निर्माण पूर्ण होने का प्रतीक बन गया। इस दौरान पीएम मोदी भावविभोर नजर आए और उन्होंने हाथ जोड़कर श्रद्धा से ध्वजा को प्रणाम किया। यह दिन न केवल अयोध्या के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए ऐतिहासिक और धार्मिक दृष्टि से गौरवपूर्ण क्षण साबित हुआ।
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प्रधानमंत्री मोदी दिल्ली से अयोध्या के महर्षि वाल्मीकि एयरपोर्ट पहुंचे। जहां उनका स्वागत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया। एयरपोर्ट से पीएम मोदी सेना के हेलीकॉप्टर से साकेत कॉलेज पहुंचे। साकेत कॉलेज से उन्होंने रामजन्मभूमि तक डेढ़ किलोमीटर का रोड शो किया। इस दौरान स्कूल के छात्रों ने काफिले पर फूल बरसाए और विभिन्न स्थानों पर महिलाओं ने उत्साहपूर्वक उनका स्वागत किया।
रोड शो के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने सप्त ऋषियों के मंदिर में पूजा की। इसमें शामिल हैं:
इसके अलावा पीएम मोदी ने भगवान शेषावतार के दर्शन भी किए। यह मंदिर भगवान राम के छोटे भाई लक्ष्मण को समर्पित है, जिन्हें शेषनाग का अवतार माना जाता है।
तोताद्री मठ के जगद्गुरु स्वामी अनंताचार्य ने कहा, "ध्वज यह बताता है कि यह एक मंदिर और धार्मिक स्थल है। मंदिरों में शुभ मौकों और अच्छे कामों पर ध्वज फहराना पूरी दुनिया का नियम है। यह सभी के हित में है।"

प्रधानमंत्री दोपहर साढ़े 12 बजे अभिजीत मुहूर्त में 2 किलो वजन की केसरिया ध्वजा फहराएंगे। ध्वजारोहण के इस आयोजन में लगभग 7,000 लोग मौजूद रहेंगे।
धर्मध्वज की खास बातें:
ध्वजा की लंबाई: 20 फीट
ध्वजा की ऊंचाई: 10 फीट
ध्वज स्तंभ की ऊंचाई: 42 फीट
राम मंदिर का शिखर: 161 फीट
सामग्री: डबल-कोटेड सिंथेटिक लेयर और पैराशूट नायलॉन
विशेषता: 60 किमी/घंटा तक की हवा में सुरक्षित, 360 डिग्री घूमने वाला चेंबर, स्टेनलेस स्टील और नायलॉन रस्सी
सुरक्षा: तूफान और बारिश में भी ध्वजा सुरक्षित
सोने की परत: 21 किलो सोना मढ़ा गया
दृश्य दूरी: 4 किलोमीटर

राम जन्मभूमि परिसर में विभिन्न मंदिर और मंडप इस प्रकार हैं:
भूतल: रामलला
प्रथम तल: राम दरबार
परकोटा के छह मंदिर:
सप्त मंडपम: महर्षि वशिष्ठ, अगस्त्य, वाल्मीकि, विश्वामित्र, शबरी, निषादराज गुह्य, गोस्वामी तुलसीदास
रामलला के कॉस्ट्यूम डिजाइनर मनीष त्रिपाठी ने कहा, हमारे लिए यह बहुत गौरवशाली क्षण है। इस कालखंड में जन्म लेना सौभाग्य की बात है। हमने राम मंदिर बनते हुए देखा और आज ध्वजारोहण के इस ऐतिहासिक क्षण का हिस्सा बन रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट का फैसला: 9 नवंबर 2019
तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट गठन: 5 फरवरी 2020
भूमि पूजन: 5 अगस्त 2020
रामलला प्राण-प्रतिष्ठा: 22 जनवरी 2024
परकोटे के मंदिरों में मूर्ति स्थापना: 5 जून 2025
आठ मंदिरों पर कलश स्थापना: 27 अक्टूबर 2025
ध्वजारोहण समारोह: 25 नवंबर 2025