Manisha Dhanwani
12 Dec 2025
इंदौर। शहर में साइबर अपराधियों की ऐसी हैरतअंगेज और दिल दहला देने वाली वारदात सामने आई है, जिसने पुलिस और साइबर सेल दोनों के होश उड़ा दिए हैं। एरोड्रम क्षेत्र की 65 वर्षीय वृद्धा को ठगों ने जम्मू-कश्मीर का एसपी बनकर फोन किया, और उसे एक ऐसा संगठित झांसा दिया कि वह 10 दिनों तक घर में कैद होकर उनकी हर बात मानती रही। ठगों ने महिला पर आतंकी कनेक्शन, 2300 करोड़ की मनी लॉन्ड्रिंग, और डिजिटल अरेस्ट जैसी गंभीर धमकियाँ थोप दीं और इसी डर के साए में उससे 29.70 लाख रुपए निकलवा लिए। शहर में पहली बार किसी बुजुर्ग को आतंकवाद का भय दिखाकर इतना बड़ा साइबर फ्रॉड किया गया है, जो पुलिस-प्रशासन के लिए भी चुनौती बन गया है।
एरोड्रम पुलिस के अनुसार, 23 नवंबर की शाम वृद्धा के व्हाट्सएप पर एक अनजान कॉल आया। कॉलर ने खुद को जम्मू-कश्मीर का एसपी बताया और कहा,“एक बड़ा आतंकवादी पकड़ा है, उसके मोबाइल में तुम्हारा नंबर और कनेक्शन मिला है।” इतना कहकर ठगों ने महिला को डराने का ऐसा षड्यंत्र रचा कि वह घबरा गई। ठगों ने आरोप लगाया कि उसके एचडीएफसी बैंक अकाउंट से 2300 करोड़ की मनी लॉन्ड्रिंग हुई है। महिला ने तुरंत कहा कि उसका इस बैंक में कोई खाता ही नहीं है, लेकिन ठगों ने उसे चुप करा दिया और धमकी दी। “अगर किसी को बताया, तो सीधा जेल भेज देंगे।” फिर उन्होंने आदेश दिया—“घर बंद कर लो, तुम्हारा मोबाइल अब हमारे कंट्रोल में है।”
इसके बाद शुरू हुआ डिजिटल कैद का घिनौना खेल। ठगों ने वृद्धा के अकेलेपन का फायदा उठाकर 10 दिनों तक उसे मानसिक बंधक बनाए रखा। इस दौरान उसे किसी से बात करने नहीं दी गई। ठगों ने उससे बैंक पासबुक, चेकबुक, एफडी, अकाउंट डिटेल और दस्तावेजों की फोटो मंगवाई और उसके खाते पूरी तरह खाली कर दिए। महिला लगातार डर के माहौल में घर में कैद रही और बाहर किसी को भी कुछ बताने की हिम्मत नहीं जुटा सकी।
सरकारी जांच का झांसा देकर ऑनलाइन जमा कराए 29.70 लाख
ठगों ने वृद्धा को सरकारी जांच का नकली झांसा दिया और इसी चक्कर में उससे अलग-अलग तारीखों पर भारी रकम जमा करवा ली।
इस तरह कुल 29.70 लाख रुपए ठगों ने विभिन्न बैंक खातों में ऑनलाइन ट्रांसफर करवा लिए। महिला को पूरी तरह भ्रमित करने के लिए ठगों ने झूठा आरबीआई लेटर भी भेजा और कहा“आपका केस खत्म हो गया है, पैसे चेक करो, वापस आ गए हैं।” ठगी के इस स्तर ने वृद्धा को इतना भयभीत कर दिया कि वह घर में ही सिसकती रही, लेकिन किसी से कुछ नहीं बोली।
3 दिसंबर को जब उसकी बेटी और दामाद घर पहुँचे, तब रोते हुए वृद्धा ने पूरी वारदात बताई। एरोड्रम पुलिस के अनुसार, पूरा मामला दर्ज कर लिया गया है। अब पुलिस साइबर ठगों की तलाश में ट्रांजैक्शन, फर्जी बैंक खातों और डिजिटल ट्रेल की गहन जांच कर रही है।