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अरविंद केजरीवाल ने तिहाड़ जेल में किया सरेंडर, AAP के कार्यकर्ताओं से कहा- मैं जेल वापस जा रहा हूं, क्योंकि मैंने तानाशाही के खिलाफ आवाज उठाई

नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को तिहाड़ जेल में सरेंडर किया। केजरीवाल को लोकसभा चुनाव में प्रचार करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने कथित दिल्ली शराब नीति घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में 10 मई को अंतरिम जमानत दी थी। यह अवधि 1 जून को समाप्त हो गई। सरेंडर करने से पहले केजरीवाल ने राजघाट स्थित महात्मा गांधी की समाधि पर श्रद्धांजलि अर्पित की और कनॉट प्लेस स्थित हनुमान मंदिर में पूजा-अर्चना की। उन्होंने पार्टी कार्यालय में आम आदमी पार्टी (आप) के नेताओं और कार्यकर्ताओं को संबोधित किया।

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आधे घंटे बाद कोर्ट ने 5 जून तक न्यायिक हिरासत में भेजा

वहीं, सरेंडर करने के करीब 30 मिनट बाद ही राउज एवेन्यू कोर्ट ने केजरीवाल को 5 जून तक ED की ज्यूडिशियल कस्टडी में भेज दिया। ED ने केजरीवाल की न्यायिक हिरासत की मांग करते हुए एक आवेदन दायर किया था। दिल्ली सीएम के अंतरिम जमानत पर होने के चलते आवेदन पेंडिंग था। आज केजरीवाल के सरेंडर के बाद राउज एवेन्यू कोर्ट के ड्यूटी जज जज संजीव अग्रवाल ने सुनवाई की और आवेदन को स्वीकार किया। केजरीवाल को जेल से ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेश किया गया था।

देश को बचाने के लिए प्रचार किया : केजरीवाल

पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए केजरीवाल ने कहा, ‘‘मैं जेल वापस जा रहा हूं, इसलिए नहीं कि मैं भ्रष्टाचार में शामिल था, बल्कि इसलिए कि मैंने तानाशाही के खिलाफ आवाज उठाई।” आप नेता ने कहा कि उन्होंने लोकसभा चुनाव के दौरान ‘‘देश को बचाने” के लिए प्रचार किया। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे सुप्रीम कोर्ट से 21 दिन की राहत मिली थी। ये 21 दिन अविस्मरणीय थे। मैंने एक मिनट भी बर्बाद नहीं किया। मैंने देश को बचाने के लिए चुनाव प्रचार किया। आम आदमी पार्टी महत्वपूर्ण नहीं है, यह गौण है। देश प्रथम है।”

केजरीवाल ने सभी एग्जिट पोल बताया ‘‘फर्जी”

केजरीवाल ने कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाले राजग के लिए तीसरी बार सत्ता में आने का अनुमान जताने वाले सभी एग्जिट पोल ‘‘फर्जी” हैं। शनिवार को आए एग्जिट पोल में अनुमान जताया गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार तीसरी बार सत्ता में आएंगे और राजग को भारी बहुमत मिलने की संभावना है। केजरीवाल ने पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं से कहा, ‘‘वे चार जून को सरकार नहीं बना रहे हैं। ये एग्जिट पोल आपको अवसाद में ले जाने का ‘खेल’ हैं।”

केजरीवाल ने SC का जताया आभार

केजरीवाल ने जमानत देने के लिए सुप्रीम कोर्ट का आभार जताया है। उन्होंने आज X पर लिखा- माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर मैं 21 दिन चुनाव प्रचार के लिए बाहर आया। माननीय सुप्रीम कोर्ट का बहुत बहुत आभार।

आज तिहाड़ जाकर सरेंडर करूंगा। दोपहर 3 बजे घर से निकलूंगा। पहले राजघाट जाकर महात्मा गांधी जी को श्रद्धांजलि दूंगा। वहां से हनुमान जी का आशीर्वाद लेने कनॉट प्लेस स्थित हनुमान मंदिर जाऊंगा। और वहां से पार्टी दफ्तर जाकर सभी कार्यकर्ताओं और पार्टी के नेताओं से मिलूंगा। वहां से फिर तिहाड़ के लिए रवाना होऊंगा। आप सब लोग अपना ख्याल रखना। जेल में मुझे आप सबकी चिंता रहेगी। आप खुश रहेंगे तो जेल में आपका केजरीवाल भी खुश रहेगा। जय हिन्द!

 

केजरीवाल की जमानत याचिका पर 5 जून को फैसला

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट से झटका लगने के बाद 30 मई को राउज एवेन्यू कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। केजरीवाल ने जमानत याचिका दाखिल की। इससे पहले दिल्ली सीएम ने सात दिनों की अंतरिम जमानत बढ़ाने की अर्जी दाखिल की थी। जिसे सुप्रीम कोर्ट ने CJI के पास भेज दिया है। बता दें कि अरविंद केजरीवाल दिल्ली शराब घोटाला मामले में आरोपी हैं और मार्च से तिहाड़ जेल में बंद थे। पिछले दिनों उन्हें लोकसभा चुनाव में पार्टी के प्रचार करने के लिए सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिली थी।

केजरीवाल ने कोर्ट में लगाई याचिका में दावा किया था कि, गिरफ्तारी के बाद उनका 7 किलो वजन घटा है। इतना ही नहीं उनका कीटोन लेवल भी बढ़ा है, ऐसे में ये लक्षण किसी गंभीर के हो सकते हैं। अभी PET-CT स्कैन और कई टेस्ट करवाने की जरूरत है। ऐसे में इन जांचों को कराने के लिए सीएम केजरीवाल ने 7 दिन की मांग की है। राउज एवेन्यू कोर्ट में लगाई गई याचिका पर 1 जून को सुनवाई हुई। स्पेशल जज कावेरी बावेजा ने फैसला 5 जून तक के लिए सुरक्षित रख लिया है।

केजरीवाल को 1 जून तक मिली थी अंतरिम जमानत

दिल्ली शराब नीति मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है। शुक्रवार (10 मई) को देश की सर्वोच्च अदालत ने केजरीवाल को 1 जून तक के लिए अंतरिम जमानत दी थी। केजरीवाल दिल्ली शराब नीति मामले में 40 दिन से तिहाड़ जेल में बंद थे। जिसके बाद वह चुनाव प्रचार करने के लिए 10 मई की शाम को बाहर आ सके। उन्होंने लोकसभा चुनाव के चलते अपनी पार्टी के लिए कैंपेनिंग की। कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा था कि, केजरीवाल को दो जून को सरेंडर करना पड़ेगा।

21 मार्च को गिरफ्तार हुए थे केजरीवाल

ईडी ने लगभग दो घंटे की पूछताछ के बाद अरविंद केजरीवाल को 21 मार्च को उनके आधिकारिक आवास से गिरफ्तार किया था। इसके बाद उन्हें शुक्रवार (22 मार्च) को राऊज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया और पूछताछ के लिए 10 दिनों की रिमांड मांगी, लेकिन कोर्ट ने छह दिन की रिमांड दी। 28 मार्च को केजरीवाल की रिमांड अवधि खत्म हुई, जो बाद में 1 अप्रैल तक बढ़ा दी गई। कोर्ट ने केजरीवाल को 1 अप्रैल से 15 अप्रैल तक के लिए ज्यूडिशियल कस्टडी में भेजा था। जिसके बाद फिर से राउज एवेन्यू कोर्ट ने केजरीवाल की न्यायिक हिरासत 23 अप्रैल तक बढ़ा दी। केजरीवाल​​​​​​ को तिहाड़ जेल में 2 नंबर बैरक में रखा गया है।

HC ने रिमांड को सही ठहराया

दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार (9 अप्रैल) को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जमानत देने वाली याचिका खारिज कर दी और शराब नीति मामले में केजरीवाल की गिरफ्तारी-रिमांड को सही ठहराया। हाईकोर्ट ने कहा- ED ने हमारे सामने पर्याप्त सबूत पेश किए। अपनी याचिका में केजरीवाल ने कहा था कि उनकी गिरफ्तारी PMLA (मनी लॉन्ड्रिंग कानून) की धारा-19 का उल्लंघन है। जिस पर जस्टिस स्वर्ण कान्त शर्मा ने कहा कि ईडी द्वारा जुटाए गए तथ्यों से पता चलता है कि अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली की शराब नीति बनाने में आरोपियों के साथ मिलकर साजिश रची और इससे मिले पैसों का इस्तेमाल गोवा इलेक्शन में किया।

हालांकि, 10 अप्रैल को अरविंद केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।  उन्होंने हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है।

जेल से जारी कर चुके दो आदेश

केजरीवाल अब तक जेल से दो आदेश भी जारी कर चुके हैं।

पहला आदेश : केजरीवाल ने पहला सरकारी आदेश 24 मार्च को जल मंत्रालय के नाम जारी किया था। उन्होंने जल मंत्री आतिशी को निर्देश दिया था कि, दिल्ली में जहां पानी की कमी है, वहां टैंकरों का इंतजाम करें।

दूसरा आदेश : केजरीवाल ने दूसरा सरकारी आदेश 26 मार्च को स्वास्थ्य मंत्रालय के नाम जारी किया था। उन्होंने निर्देश दिए थे कि, मोहल्ला क्लिनिक में गरीबों के लिए दवाओं की कमी नहीं होनी चाहिए। लोगों को मुफ्त जांच और दवाई मुहैया कराई जाए।

पहली बार किसी सीएम की हुई गिरफ्तारी

यह पहला ऐसा मामला है जब किसी मुख्यमंत्री को पद पर रहते हुए ही गिरफ्तार कर लिया गया है। इससे पहले जो भी सीएम किसी आरोप के कारण जांच या फिर गिरफ्तारी के दायरे में आए थे, उन्होंने अपने पद से पहले ही इस्तीफा दे दिया था। इससे पहले झारखंड के पूर्व CM हेमंत सोरेन को ED ने गिरफ्तार किया था। सोरेन ने ED की हिरासत में राजभवन जाकर इस्तीफा दे दिया था। ऐसे में अब दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) सरकार को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं।

क्या है पूरा मामला ?

दिल्ली में केजरीवाल की सरकार में डिप्टी सीएम रहे मनीष सिसोदिया ने 22 मार्च 2021 को नई शराब नीति का ऐलान किया था। 17 नवंबर 2021 को नई शराब नीति यानी एक्साइज पॉलिसी 2021-22 लागू कर दी गई। नई शराब नीति लागू करने के बाद सरकार शराब के कारोबार से बाहर आ गई और शराब की पूरी दुकानें निजी हाथों में चली गई। नई नीति लाने के पीछे सरकार का तर्क था कि इससे माफिया राज खत्म होगा और सरकार का रेवेन्यू में बढ़ेगा। नई नीति से रेवेन्यू में 1500-2000 करोड़ रुपए की बढ़ोतरी की उम्मीद जताई गई थी।

नई पॉलिसी में कहा गया था कि दिल्ली में शराब की कुल दुकानें पहले की तरह 850 ही रहेंगी। हालांकि, नई नीति शुरू से ही विवादों में रही। जब बवाल ज्यादा बढ़ गया, तब 28 जुलाई 2022 को सरकार ने नई शराब नीति रद्द कर फिर पुरानी पॉलिसी लागू कर दी। मामले में सीबीआई को जांच ट्रांसफर दी गई। मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा एंगल आने पर इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय की एंट्री हो गई। उसके बाद से AAP के कई सीनियर नेता और उनके करीबी सहयोगी जांच एजेंसी के निशाने पर आ गए।

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