Hemant Nagle
26 Sep 2025
Shivani Gupta
26 Sep 2025
Hemant Nagle
26 Sep 2025
अनुज मैना
भोपाल। यंगस्टर्स में टूरिज्म का क्रेज तेजी से बढ़ रहा है। इनमें भी लोग अब गांवों को एक्सप्लोर कर रहे हैं। मप्र टूरिज्म विभाग भी इसी दिशा में काम कर रहा है और गांवों में होमस्टे शुरू किए जा रहे हैं, ताकि टूरिस्ट वहां जाएं और होमस्टे में रूककर गांव के माहौल को ठीक से समझ सकें। इस पहल के चलते भोपाल से करीब 28 किमी दूर स्थित सीहोर का खारी गांव नए पर्यटन स्थल के रूप में उभरा है। कोलार डैम रोड पर स्थित इस गांव में बड़ी संख्या में पर्यटक विलेज लाइफ एंजॉय करने पहुंच रहे हैं। गांव में 10 होमस्टे शुरू हो चुके हैं और दो अन्य होमस्टे का निर्माण चल रहा है।
इन होमस्टे की खास बात यह है कि ये र्इंट, पत्थर, मिट्टी, लकड़ी और खपरैल से बने हैं। दीवारों को गोबर से लीपा गया है, जो ग्रामीण संस्कृति की झलक प्रस्तुत करता है। यहां पर्यटकों का स्वागत तिलक लगाकर किया जाता है। उन्हें भजन और गांव के पुराने किस्से सुनाकर उनका मनोरंजन किया जाता है। यहां के प्राकृतिक वातावरण, झरने, पहाड़ियां और ग्रामीण खान-पान की विशेषता ने कई पर्यटकों को इतना प्रभावित किया कि वे दो से तीन बार यहां आ चुके हैं।
खारी गांव के होमस्टे को विजिट करने के लिए अभी तक करीब 12 देशों के टूरिस्ट आ चुके हैं। इनमें ब्रिटेन, ताइवान, रूस, कनाडा, अमेरिका सहित कई देशों के पर्यटक शामिल हैं। इसके अलावा मप्र के साथ ही अन्य राज्यों से भी पर्यटक यहां आ चुके हैं। टूरिस्टों के लिए विशेष आकर्षण यहां का झरना, पहाड़ी पर स्थित माता का महल है। साथ ही साइकलिंग, बैलगाड़ी की सवारी, घुड़सवारी, बैंबू शिल्प एक्टिविटी, क्ले मेकिंग जैसे एक्टिविटीज भी पर्यटकों को आकर्षित करती है।
यहां होमस्टे में टूरिस्ट्स को विलेज फूड ही सर्व किया जाता है। इसमें टूरिस्ट की मांग के अनुसार दाल-बाटी, चूरमा, गेहूं, मक्का, ज्वार, बाजारा की रोटी और पराठा सर्व किया जाता है। वहीं, सब्जियों की बात करें तो सीजन की सब्जियां सर्व की जाती हैं, जिसे कुछ होमस्टे संचालक अपने होमस्टे के पास ही उगा रहे हैं और टूरिस्ट के सामने ही तोड़कर उन्हें पकाते हैं। भोपाल से भी कई पर्यटक विजिट करने के लिए आते हैं और दिनभर यहां एंजॉय करते हैं। वे यहां विलेज फूड की डिमांड करते हैं तो उन्हें 250 से 300 रुपए प्रति प्लेट के अनुसार फूड सर्व किया जाता है।
हमने करीब 2 साल पहले एमपीटी के जरिए होमस्टे की शुरुआत की थी। अभी हमारे पास 1 रूम है, जो लगभग हर दिन बुक रहता है। हमने गांव से थोड़ी दूर अपने खेत पर होमस्टे तैयार किया है। पास में ही आर्गेनिक सब्जियां उगाते हैं और कोशिश करते हैं कि यही विजिटर्स को सर्व करें। हमारे यहां कई विदेशी टूरिस्ट भी विजिट कर चुके हैं। इनमें यूरोप, अमेरिका, कनाडा के पर्यटक शामिल हैं।
ओमप्रकाश मारन, संचालक, गिरिजा होमस्टे
दूर-दराज से शहरों के लोग यहां ग्रामीण जीवन का आनंद लेने के लिए आते हैं। इसकी बुकिंग मप्र पर्यटन विभाग की वेब साइट से की जा सकती है। इसके अलावा पर्यटक सीधे मालिकों से भी संपर्क कर सकते हैं। हम यहां पर विलेज फूड के साथ ही उन्हें ग्रामीण एक्टिविटीज भी कराते हैं, जिनमें बैलगाड़ी की सैर, घुड़सवारी जैसी एक्टिविटीज शामिल हैं।
मुकेश गौर, संचालक, फॉरेस्ट होमस्टे