Naresh Bhagoria
18 Nov 2025
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Mithilesh Yadav
18 Nov 2025
Naresh Bhagoria
18 Nov 2025
इंदौर। शहर में फर्जी मेडिकल डिग्री के दम पर लाखों का लोन हड़पने वाले संगठित गिरोह पर क्राइम ब्रांच ने ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए चौथे शातिर आरोपी को दबोच लिया है। यह आरोपी अब तक पकड़े गए तीन मुख्य जालसाजों का प्रमुख मददगार था।
क्राइम ब्रांच ने बताया कि फ्रॉड इन्वेस्टिगेशन टीम ने बजाज फाइनेंस लिमिटेड की शिकायत पर यह बड़ा खुलासा किया है। शिकायत में तीन व्यक्तियों द्वारा जाली मेडिकल डिग्री के दस्तावेज़ तैयार कर कंपनी को लाखों का चूना लगाने की बात सामने आई थी।
इस महा-जालसाजी में पहले दतिया निवासी प्रदीप निरंजन को झांसी से गिरफ्तार किया गया था। उसने खुलासा किया कि जालसाजी का मास्टरमाइंड प्रदीप सोनी उसे इंदौर लाया था और उसी ने फर्जीवाड़े के लिए बैंक खाते खुलवाए थे।
भिंड में फरारी काट रहे प्रदीप सोनी (जो मुख्य आरोपी भूपेंद्र का सहायक था) को आख़िरकार क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार कर लिया। सोनी ने गिरोह की मदद करने की बात कबूल कर ली है। इससे पहले हरिओम बंसल, भूपेंद्र सिंह और प्रदीप निरंजन को जेल भेजा जा चुका है।
क्या था मामला -
अपराध शाखा (क्राइम ब्रांच) ने शहर में चल रहे एक हाई-प्रोफाइल जालसाजी का पर्दाफ़ाश करते हुए एक शातिर ठग को दबोच लिया है। इस गैंग के सदस्यों ने खुद को प्रतिष्ठित डॉक्टर बताकर बजाज फाइनेंस लिमिटेड को धोखाधड़ी से 54 लाख रुपये की ज़बरदस्त चपत लगाई। जांच में सामने आया है कि डॉक्टर की डिग्री, मध्य प्रदेश मेडिकल काउंसलिंग का रजिस्ट्रेशन, क्लिनिक, आधार कार्ड, यहाँ तक कि मरीजों को देखने का दिखावा—सब कुछ फर्जीवाड़ा था। पुलिस ने जिस ठग को गिरफ्तार किया है, वह एक मामूली होटल कर्मचारी निकला।
डीसीपी ने बताया कि कंपनी के आरसीयू आकाश गौतम की शिकायत पर हरिओम बंसल, भूपेंद्र सिंह और प्रदीप निरंजन के खिलाफ कूटरचना और धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया।