Naresh Bhagoria
18 Nov 2025
Aditi Rawat
18 Nov 2025
भारत के विख्यात मार्शल आर्ट्स खिलाड़ी और मध्य प्रदेश के गौरव सोहेल खान, जिन्हें पूरे देश में “गोल्डन बॉय ऑफ एमपी” के नाम से जाना जाता है, ने एक बार फिर राष्ट्र का मान बढ़ाया है। बुल्गारिया में आयोजित कूडो वर्ल्ड कप 2025 में रजत पदक जीतकर उन्होंने भारत का नाम अंतरराष्ट्रीय मंच पर रोशन किया। उनकी इस असाधारण उपलब्धि के सम्मान में बॉलीवुड सुपरस्टार अक्षय कुमार, डिंपल कपाड़िया और जैकी श्रॉफ ने सोहेल खान और उनके कोच डॉ. मोहम्मद एजाज खान को विशेष समारोह में सम्मानित किया। यह सम्मान समारोह भारतीय कूडो के उत्कृष्ट प्रदर्शन और खिलाड़ियों की मेहनत को समर्पित था।
अभिनेता अक्षय कुमार लंबे समय से कूडो खेल को समर्थन दे रहे हैं। उन्होंने सोहेल खान की मेहनत, अनुशासन और देश के प्रति समर्पण की तारीफ की। अक्षय कुमार के अनुसार, सोहेल जैसे खिलाड़ी उन युवाओं के लिए प्रेरणा हैं, जो मानते हैं कि मेहनत और दृढ़ निश्चय से कोई भी कठिनाई पार की जा सकती है।

समारोह में सोहेल के कोच, डॉ. मोहम्मद एजाज खान को भी सम्मानित किया गया। कोच खान ने कहा कि सोहेल की सफलता इस बात का प्रमाण है कि मेहनत, विनम्रता और विश्वास के साथ छोटे शहर की प्रतिभा भी विश्व स्तर तक पहुँच सकती है।
समारोह में सोहेल खान ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि यह मायने नहीं रखता कि आप कहां से आते हैं। मायने यह रखते हैं कि आप कहां तक पहुँचते हैं। चाहे आप किसी छोटे शहर या गांव से हों, बस अपने लक्ष्य को पहचानें, मेहनत करें, निरंतरता बनाए रखें और विनम्र रहें। उनका यह संदेश पूरे देश के युवाओं के लिए प्रेरणा बन गया है।
सोहेल खान ने एशियन कूडो चैम्पियनशिप 2025 में भारत का प्रतिनिधित्व किया, जो 1 से 5 नवंबर 2025 तक टोक्यो, जापान में हुई। उन्होंने शानदार खेल दिखाते हुए क्वार्टर फाइनल तक पहुँच बनाई, जहां उन्हें जापान के खिलाड़ी से 1–0 से हार मिली। उनके प्रदर्शन की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सराहना हुई और भारत की कूडो में ताकत फिर साबित हुई।
सोहेल खान की उपलब्धियां बहुत प्रभावशाली हैं:
मध्य प्रदेश के सागर से लेकर विश्व स्तर तक सोहेल खान की यात्रा समर्पण और विनम्रता का उदाहरण है। अपने कोच डॉ. मोहम्मद एजाज खान और कूडो इंडिया के संस्थापक हन्शी मेहुल वोरा के मार्गदर्शन में, सोहेल देश के युवाओं को प्रेरित कर रहे हैं। उनकी कहानी यह सिखाती है कि सपनों की कोई सीमा नहीं होती, और विश्वास, अनुशासन तथा लगातार प्रयास सफलता की कुंजी हैं।