
कोलकाता। पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य का गुरुवार सुबह 80 साल की उम्र में निधन हो गया। वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे और दो दिन पहले ही सांस लेने में दिक्कत के कारण उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वह काफी समय से सीओपीडी (क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज) और बुढ़ापे से जुड़ी अन्य बीमारियों से पीड़ित थे।
सांस लेने में भी थी दिक्कत
पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री और सीपीआई (एम) नेता बुद्धदेव भट्टाचार्य ने गुरुवार (8 अगस्त) सुबह 8.20 बजे निधन हो गया। 80 साल की उम्र में कोलकाता स्थित घर पर अंतिम सांस ली। वह काफी समय से सीओपीडी (क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज) और बुढ़ापे से जुड़ी अन्य बीमारियों से पीड़ित थे। उनका घर पर ही इलाज चल रहा था। सीपीआई (एम) के राज्य सचिव मोहम्मद सलीम ने उनकी मौत की पुष्टि की है। उन्हें सांस लेने में भी दिक्कत थी। पिछले कुछ समय से उन्हें कई बार अस्पताल में भर्ती करना पड़ा था। उन्हें पिछले साल निमोनिया भी हो गया था, उस समय लाइफ सपोर्ट पर रहने के बाद वे ठीक हो गए थे। उनके परिवार में उनकी पत्नी मीरा और बेटी सुचेतना हैं।
लगातार 11 सालों तक सीएम पद पर रहे
बुद्धदेव भट्टाचार्य ज्योति बसु के बाद पश्चिम बंगाल के सीएम बने थे। पश्चिम बंगाल में वाम मोर्चे के 34 वर्षों के शासन के दौरान बुद्धदेव भट्टाचार्य सीपीएम के दूसरे और आखिरी मुख्यमंत्री थे। उन्होंने साल 2000 से 2011 तक लगातार 11 वर्षों तक यह पद संभाला। भट्टाचार्य अपने स्वास्थ्य के कारण पिछले कुछ वर्षों से सार्वजनिक जीवन से दूर थे। उन्होंने 2015 में सीपीआई (एम) के पोलित ब्यूरो और केंद्रीय समिति से इस्तीफा दे दिया था और 2018 में राज्य सचिवालय की सदस्यता छोड़ दी थी। वह मार्क्सवादी कम्युनिष्ट पार्टी की पोलित ब्यूरो के सदस्य थे।
पद्म भूषण लेने से किया इनकार
बुद्धदेव भट्टाचार्य का जन्म 1 मार्च 1944 को उत्तरी कोलकाता में एक बंगाली ब्राह्मण परिवार में हुआ था। वे संस्कृत स्कॉलर, पुजारी और लेखक भी थे। उन्होंने पुरोहित दर्पण नाम से एक पुरोहित मैनुअल की रचना की थी जो पश्चिम बंगाल में बंगाली हिंदू पुजारियों के बीच आज भी लोकप्रिय है। बुद्धदेव को पश्चिम बंगाल की औद्योगिक क्रांती के लिए जाना जाता है।
साल 2022 में बुद्धदेव भट्टाचार्य को पद्म भूषण देने की घोषणा की गई थी, लेकिन उन्होंने इसे लेने से इनकार कर दिया। सीपीआईएम महासचिव सीताराम येचुरी ने बताया था- बुद्धदेव ने कहा है कि मुझे पद्म भूषण पुरस्कार के बारे में कुछ नहीं पता। इस बारे में मुझे किसी ने नहीं बताया। अगर मुझे पद्म भूषण से सम्मानित किया गया है तो मैं इसे अस्वीकार कर रहा हूं।
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