Aniruddh Singh
7 Oct 2025
गांधीनगर। वोडाफोन आइडिया लिमिटेड (वीआई) ने अपने शीर्ष नेतृत्व में बदलाव करते हुए अभिजीत किशोर को नया मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) नियुक्त किया है। वह 19 अगस्त से नया कार्यभार संभालेंगे और उनका कार्यकाल तीन साल का होगा। अभिजीत किशोर, वर्तमान सीईओ अक्षय मूंदड़ा की जगह लेंगे, जिनका कार्यकाल 18 अगस्त 2025 को समाप्त हो रहा है। अक्षय मूंदड़ा ने यह जिम्मेदारी 19 अगस्त 2022 को संभाली थी। कंपनी ने इस बदलाव की जानकारी औपचारिक रूप से शेयर बाजारों को दे दी है। बता दें कि यह बदलाव ऐसे समय में हो रहा है जब वोडाफोन आइडिया कर्ज के भारी बोझ से जूझ रही है। कंपनी एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (एजीआर) की बकाया देनदारियों को लेकर लगातार दबाव में है और इसके समाधान के साथ-साथ वित्त जुटाने के लिए संघर्ष कर रही है। इस वजह से नए सीईओ के सामने वित्तीय स्थिरता और परिचालन सुधार की बड़ी चुनौती होगी।
अभिजीत किशोर का अनुभव इस जिम्मेदारी को निभाने में अहम भूमिका निभा सकता है। वर्तमान में वे वोडाफोन आइडिया के चीफ आॅपरेटिंग आॅफिसर (सीओओ) के पद पर हैं और मार्च 2015 से कंपनी के साथ जुड़े हैं। वह अनुभवी हैं और उन्होंने अनेक भूमिकाओं में कंपनी को अपनी सेवाएं दी हैं। सीओओ बनने से पहले वह चीफ एंटरप्राइज बिजनेस आॅफिसर थे, जहां उन्होंने वोडाफोन आइडिया के एंटरप्राइज बिजनेस का नेतृत्व किया। इस भूमिका में उन्होंने बड़े कॉपोर्रेट ग्राहकों को दूरसंचार समाधान उपलब्ध कराने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। इसके अलावा वे गुजरात और केरल सर्कल के बिजनेस हेड भी रह चुके हैं, जहां उनके नेतृत्व में क्षेत्रीय बाजार में कंपनी की उपस्थिति मजबूत हुई। किशोर को भारतीय टेलिकॉम इंडस्ट्री में 27 साल से अधिक का अनुभव है। उन्हें विपणन, नेटवर्क प्रबंधन और कॉपोर्रेट रणनीति जैसे रणनीतिक क्षेत्रों का व्यापक अनुभव है।
वोडाफोन आइडिया फिलहाल अस्तित्व के संकट से जूझ रही है। अभिजीत किशोर विविधतापूर्ण अनुभव संकट से जूझ रही कंपनी को दिशा देने में अहम भूमिका निभा सकता है। नकदी के दबाव की वजह से उसके नेटवर्क विस्तार में बाधाएं आ रही हैं। वोडाफोन आईडिया को दूरसंचार सेवा प्रदाता के रूप में जियो और एयरटेल जैसी तुलनात्मक रूप से मजबूत कंपनियों से कड़ी प्रतिस्पर्धा करनी पड़ रही है। ऐसे में सेवा अभिजीत किशोर का मुख्य लक्ष्य कंपनी के वित्तीय संसाधन जुटाना, नेटवर्क गुणवत्ता में सुधार करना और ग्राहकों के आधार को बढ़ाना होगा। उनकी यह नियुक्ति वोडाफोन आइडिया के लिए और उनके अपने कैरियर के लिए भी, एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकती है। अगर वह वित्तीय दबावों से जूझ रही कंपनी को अपनी रणनीतियों से संकट से निकालने में सफल रहे, तो यह उनके करियर की बड़ी उपलब्धि होगी। अभिजीत किशोर का अनुभव और रणनीतिक समझ कंपनी के लिए निर्णायक हो सकती है।