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वॉशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को नए बयान दिए है। उन्होंने कहा कि अर्जेंटीना को मिलने वाली आर्थिक सहायता उसके राष्ट्रपति जेवियर मिलेई के राजनीतिक भविष्य पर निर्भर करेगी। अगर मिलेई हार गए, तो हम अर्जेंटीना के प्रति उदार नहीं रहेंगे। लेकिन अगर वे जीतते हैं, तो हम बहुत मददगार साबित होंगे। साथ ही, ट्रंप ने ब्रिक्स देश को भी फिर टैरिफ की धमकी दी है। ट्रंप ने यह बयान व्हाइट हाउस में मिलेई के साथ मुलाकात के दौरान दिया है।
ट्रंप ने कहा कि, अगर मिलेई हारते हैं, तो हम अपना समय बर्बाद नहीं करेंगे। क्योंकि उनके विरोधियों की नीतियों से अर्जेंटीना को फिर से महान बनाना संभव नहीं है। बता दें, कि ट्रंप ऐसे बयान इसलिए दे रहे है, क्योकिं मिलेई राष्ट्रपति ट्रंप के एक मजबूत समर्थक है। मिलेई इस महीने के अंत में मध्यावधि चुनाव का सामना करेंगे। सत्ता संभालने के बाद यह उनका पहला अहम राजनीतिक इम्तहान माना जाएगा।
दरअसल, पिछले हफ्ते ही ट्रंप प्रशासन ने अर्जेंटीना के केंद्रीय बैंक के साथ 20 अरब डॉलर की करेंसी स्वैप डील की है। अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने बताया कि अमेरिका अर्जेंटीना की अर्थव्यवस्था को स्थिर करने के लिए आवश्यक सभी असाधारण कदम उठाने को तैयार है। उन्होंने इसे अपने सहयोगियों के साथ एक आर्थिक पुल बनाने का अवसर बताया, खासकर उन देशों के साथ जो सही दिशा में आगे बढ़ना चाहते हैं। बेसेंट ने राष्ट्रपति मिलेई की आर्थिक सुधार नीतियों की सराहना करते हुए कहा कि अर्जेंटीना के पास अपनी अर्थव्यवस्था को नए सिरे से संगठित करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है।
वहीं, ट्रंप ने ब्रिक्स देशों पर भी सख्ती दिखाई है। उन्होंने कहा कि, जो भी देश ब्रिक्स में रहना चाहता है, रह सकता है, लेकिन हम उन पर भारी टैरिफ लगाएंगे और अब वे सभी देश ब्रिक्स से बाहर निकल रहे हैं। ब्रिक्स, डॉलर पर हमला था, लेकिन अब यह मुद्दा खत्म हो गया है।
हालांकि, ट्रंप प्रशासन की इस रणनीति को अमेरिका में दोनों राजनीतिक दलों के सांसदों की आलोचना का सामना करना पड़ा है। आयोवा के सीनेटर चक ग्रासले ने चिंता जताते हुए कहा कि अर्जेंटीना जब चीन को सोयाबीन निर्यात कर रहा है, तो इससे अमेरिकी किसानों को नुकसान हो रहा है। उन्होंने सरकार से इस मामले में संतुलन कायम रखने की अपील की।