Mithilesh Yadav
7 Oct 2025
Peoples Reporter
7 Oct 2025
Shivani Gupta
7 Oct 2025
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को अपने आवास पर चीन के विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात की। यह बैठक ऐसे समय में हुई है जब दोनों एशियाई दिग्गज देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को स्थिर और मजबूत बनाने के प्रयास जारी हैं।
इस मुलाकात से पहले वांग यी ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और विदेश मंत्री एस. जयशंकर के साथ उच्चस्तरीय वार्ताएं कीं। इस पूरी कवायद को शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी की प्रस्तावित चीन यात्रा के लिहाज से बेहद अहम माना जा रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने चीनी विदेश मंत्री से मुलाकात के बाद एक्स पर फोटो शेयर कर लिखा- विदेश मंत्री वांग यी से मिलकर खुशी हुई। भारत-चीन संबंधों में पिछले साल कज़ान में राष्ट्रपति शी जिनपिंग से उनकी मुलाकात के बाद से लगातार प्रगति हुई है। उन्होंने कहा कि दोनों देश आपसी हितों और संवेदनशीलताओं का सम्मान करते हुए आगे बढ़ रहे हैं। मैं शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन के दौरान तियानजिन में होने वाली हमारी अगली मुलाकात का बेसब्री से इंतजार कर रहा हूं।
मोदी ने विश्वास जताया कि भारत और चीन के बीच स्थिर और रचनात्मक संबंध न केवल दोनों देशों के लिए बल्कि पूरे क्षेत्र और वैश्विक शांति एवं समृद्धि के लिए भी महत्वपूर्ण होंगे।
वार्ता के दौरान राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने कहा कि पिछले नौ महीनों में भारत-चीन संबंधों में उल्लेखनीय सुधार देखने को मिला है। उनका कहना था कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर शांति और सौहार्द कायम है, जो 2020 की गलवान घाटी झड़प के बाद बने तनावपूर्ण हालात से बाहर निकलने का संकेत है। डोभाल ने इसे दोनों देशों के बीच नए सिरे से हो रहे प्रयासों का सकारात्मक नतीजा बताया। उन्होंने साथ ही औपचारिक रूप से घोषणा की कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 31 अगस्त और 1 सितंबर को तियानजिन में होने वाले एससीओ शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए चीन जाएंगे।
चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने भारत के साथ संबंधों को लेकर सकारात्मक संदेश दिया। उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों को रणनीतिक बातचीत के जरिए आपसी विश्वास बढ़ाना चाहिए और साझा हितों को मजबूत करना चाहिए। साथ ही उन्होंने सीमा विवाद के सभी लंबित मुद्दों को सुलझाने पर जोर दिया। वांग यी ने कहा कि फिलहाल सीमा पर स्थिरता बहाल हुई है और इसे देखकर खुशी होती है। उन्होंने भारत-चीन संबंधों को सुधारने और आगे बढ़ाने के अवसर पर जोर दिया और यह भी कहा कि चीन, प्रधानमंत्री मोदी की एससीओ शिखर सम्मेलन में भागीदारी को बेहद महत्व देता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तियानजिन यात्रा को लेकर भारतीय पक्ष ने स्पष्ट किया है कि यह दौरा भारत-चीन संबंधों में नई ऊर्जा और गति का प्रतीक होगा। अजीत डोभाल ने वांग यी से हुई बातचीत को "बहुत विशेष महत्व" का करार दिया। कूटनीतिक हलकों में माना जा रहा है कि इस यात्रा से न केवल द्विपक्षीय संबंधों को मजबूती मिलेगी, बल्कि क्षेत्रीय और वैश्विक मंचों पर भी भारत और चीन के बीच सहयोग की नई संभावनाएं खुलेंगी।