चेन्नई। तमिलनाडु की MDMK पार्टी के सांसद गणेशमूर्ति का 76 साल की उम्र में निधन हो गया। उन्होंने गुरुवार सुबह करीब पांच बजे कोयंबटूर के निजी अस्पताल में आखिरी सांस ली। चार दिन पहले 24 मार्च को उन्होंने कीटनाशक पीकर आत्महत्या करने की कोशिश की थी, तब से वे अस्पताल में भर्ती थे। जिसके बाद गुरुवार सुबह कार्डियक अरेस्ट के चलते उनका निधन हो गया।
कीटनाशक पीकर आत्महत्या की कोशिश
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कयास लगाए जा रहे हैं कि लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी की तरफ से टिकट न मिलने पर वे डिप्रेशन में थे, जिसके चलते उन्होंने आत्महत्या करने की कोशिश की। उनके परिवार के सदस्यों के अनुसार, गणेशमूर्ति ने 24 मार्च को कीटनाशक पी लिया था। जिसके बाद उन्हें उल्टी और बेचैनी होने लगी। परिवार को जहर खाने की बात बताने के बाद उन्हें तुरंत इरोड शहर के एक अस्पताल ले जाया गया, लेकिन हालत गंभीर होने के कारण डॉक्टरों ने उन्हें कोयंबटूर के एक प्राइवेट अस्पताल में शिफ्ट कर दिया। जहां चार दिन बाद कार्डियक अरेस्ट के चलते उनका निधन हो गया।
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टिकट न मिलने से तनाव में थे : परिजन
गणेशमूर्ति कथित तौर पर आगामी लोकसभा चुनाव में इरोड सीट से चुनाव लड़ने के लिए पार्टी द्वारा टिकट देने से इनकार करने से नाराज थे। डीएमके ने इरोड से युवा नेता ई प्रकाश को टिकट दिया है। प्रकाश को तमिलनाडु के मंत्री और मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन का करीबी माना जाता है। परिवार का कहना है कि, चुनाव में टिकट न मिलने से गणेशमूर्ति काफी तनाव में थे।
पारिवारिक परेशानियों की वजह से खाया जहर : DMK सूत्र
वहीं मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, गणेमूर्ति के निधन के बाद MDMK के सूत्रों ने कहा कि, गणेशमूर्ति ने टिकट न मिलने की वजह से आत्महत्या की कोशिश की थी ऐसा कहना गलत होगा। सूत्रों ने इस बात की आशंका जताई कि गणेशमूर्ति ने पारिवारिक परेशानी के चलते जहर खाया होगा।
गणेशमूर्ति का राजनीतिक करियर
- तीन बार सांसद रहे गणेशमूर्ति MDMK में प्रमुख पदों पर रहे। अपने स्कूल के दिनों में वे DMK की छात्र शाखा के संयुक्त आयोजक थे।
- 1984 में उन्हें DMK छात्र विंग के इरोड जिला सचिव के तौर पर नियुक्त किया गया।
- 1989 में उन्होंने पार्टी के टिकट पर मोडाकुरिचि विधानसभा सीट से जीत हासिल की।
- 1996 में जब वाइको ने पार्टी को विभाजित कर मरुमलार्ची द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (MDMK) को लॉन्च किया, तब गणेशमूर्ति उनके साथ नई पार्टी में शामिल हो गए।
- 1998 और 2009 में वे MDMK के टिकट पर इरोड से लोकसभा के लिए चुने गए।
- 2019 में उन्होंने DMK के टिकट पर जीत हासिल की।
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