शिवराज सरकार की कैबिनेट बैठक आज आयोजित होगी। इस कैबिनेट की बैठक में कृषि उपयोग के लिए जमीन पट्टे पर दिए जाने को लेकर बड़ा फैसला लिया जा सकता है। प्रदेश में जिन लोगों को कृषि उपयोग के लिए जमीन पट्टे पर दी गई है और स्वामित्व मिल चुका है, अब वे जमीन बेच भी सकेंगे। 12 साल से इस पर रोक लगी हुई थी। हालांकि विशेष परिस्थितियों में कलेक्टर की अनुमति से जमीन बेची जा सकती थी, लेकिन अब इसकी अनिवार्यता समाप्त की जा रही है। राज्य कैबिनेट मंगलवार को होने वाली बैठक में राजस्व विभाग के इस प्रस्ताव पर फैसला लेगी।
भू-राजस्व संहिता में संशोधन की मिलेगी मंजूरी
मप्र भू-राजस्व संहिता में संशोधन करने के लिए भी कैबिनेट में मंजूरी दी जा सकती है। राजस्व विभाग के प्रस्ताव के मुताबिक, जिन लोगों को कृषि उपयोग के लिए सरकारी जमीन पट्टे पर दी गई है, जिसे 10 साल हो गए हैं, उन्हें अब जमीन बेचने का अधिकार दिया जा रहा है। प्रस्ताव के मुताबिक जो व्यक्ति पट्टे की जमीन खरीदेगा, उसे बजार दर के अनुसार से 5% राशि सरकार के खजाने में जमा करना होगी। इसके बाद जो जमीन पहले बेच दी गई है, लेकिन उसे अब तक मान्यता नहीं दी गई है, उसका 5 % सरकारी खजाने में जमा करके मान्य करा सकते हैं। वहीं शिवराज सरकार की बैठक में मायनर माइनिंग के अवैध उत्खनन रोकने के लिए भी सरकार बड़ा फैसला ले सकती है। दरअसल अवैध खनन रोकने के अधिकार राजस्व निरीक्षक उसे वापस लेकर खनिज विभाग को सामने प्रस्ताव पर भी चर्चा की जा सकती है।
अविवादित नामांतरण के लिए बनेगी साइबर तहसील
मप्र में भूमि के अविवादित नामांतरण को जल्द ही निराकरण के लिए सरकार साइबर तहसील बनाएगी। वहीं सरकार इसके लिए अलग से तहसीलदार नियुक्त करेगी। इस व्यवस्था में खरीदार और बेचने वाले को नामांतरण के लिए तहसील कार्यालय आने की जरूरत नहीं पड़ेगी। आवेदक द्वारा आवेदन किए जाने के बाद तहसीलदार नोटिस जारी करेगा। इस पर कोई आपत्ति नहीं आने पर नामांतरण कर दिया जाएगा। वहीं राजस्व विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अविवादित नामांतरण के हजारों मामले संबंधित लोगों के राजस्व न्यायालय में उपस्थित नहीं होने की वजह से लंबित हैं। ऐसे प्रकरणों के जल्द निराकरण के लिए अब प्रदेश में साइबर तहसील की स्थापना की जाएगी। बता दें कि यह दो जिलों में एक हो सकती है।
सौर ऊर्जा खरीदेगी मप्र सरकार
जानकारी के मुताबिक, प्रदेश के तीन प्रमुख जिलों में उत्पादित सौर ऊर्जा को खरीदने की तैयारी भी सरकार ने की है। मप्र के आगर, शाजापुर और नीमच जिले में प्रस्तावित सौर ऊर्जा पार्कों से उत्पादित सौर ऊर्जा में से एक हजार 307 मेगावॉट बिजली मप्र पावर मैनेजमेंट कंपनी द्वारा खरीदी जाएगी। टेंडर प्रक्रिया से जो दर प्राप्त होगी, उसके आधार पर बिजली खरीदी जाएगी। खरीदी जाने वाली बिजली के भुगतान की सुनिश्चितता के लिए सरकार तीसरी गारंटर बनेगी। नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग के इस प्रस्ताव पर भी कैबिनेट में विचार किया जाएगा।
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