पंचायत चुनाव की तैयारियों के बीच शिवराज सरकार ने कमलनाथ सरकार का फैसला पलट दिया है। सरकार ने पंचायतों का नया परिसीमन निरस्त कर दिया है। इसके लिए सरकार ने मध्यप्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज (संशोधन) अध्यादेश-2021 लागू कर दिया है। इसकी अधिसूचना रविवार देर शाम जारी की गई। बता दें कि परिसीमन के बाद जिन पंचायतों के चुनाव नहीं हुए, वहां पुरानी व्यवस्था लागू रहेगी। आज चुनाव आयोग की बैठक होना है। ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि जल्द ही चुनावों की तारीख और आचार संहिता का ऐलान किया जा सकता है।
ये हैं प्रावधान
इस मामले पर पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारियों ने बताया कि पंचायतों को परिसीमन चुनाव से पूर्व कराए जाने का प्रावधान है। जिन पंचायतों में परिसीमन हो गया है। लेकिन एक साल के अंदर चुनाव नहीं हुए। ऐसे में वहां परिसीमन को निरस्त माना जाएगा। इसके बाद वहां परिसीमन के पहले की व्यवस्था लागू रहेगी। आरक्षण भी वैसा ही रहेगा, जैसा पूर्व में था। ये व्यवस्था उन पंचायतों में लागू नहीं होगी, जिसके क्षेत्र किसी नगरीय क्षेत्र में सम्मिलित किए गए हैं।
कमलनाथ सरकार ने नया परिसीमन लागू किया था
जानकारी के अनुसार कमलनाथ सरकार ने सिंतबर 2019 में प्रदेश में जिले से लेकर ग्राम पंचायतों तक नया परिसीमन लागू किया था। जिसके बाद करीब 1200 नई पंचायतें बनी थीं। वहीं 102 ग्राम पंचायतों को समाप्त कर दिया गया था। इसके साथ ही 1950 की सीमा में बदलाव किए गए थे।
एमपी में पंचायतों की संख्या
बता दें कि मध्यप्रदेश में 23,835 ग्राम पंचायतें हैं। जिसमें 904 जिला पंचायत सदस्य और 6035 जनपद सदस्य त्रि-स्तरीय पंचायत का प्रतिनिधित्व करते हैं। 2014-15 में पंचायत चुनाव हुए थे। इससे 2020 तक उनका कार्यकाल समाप्त हो चुका है। बता दें कि परिसीमन से पहले प्रदेश में प्रदेश में 22 हजार 812 पंचायतें थीं।
यहां अधिक पंचायतें
जिला | संख्या |
खरगोन | 137 |
नरसिंहपुर | 103 |
राजगढ़ | 80 |
यहां पंचायतें हुईं समाप्त
जिला | संख्या |
सागर | 25 |
खरगोन | 19 |
शिवपुरी | 13 |