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सऊदी ने दुनियाभर के विशेषज्ञों को दी नागरिकता, भारतीय उद्यमी, पाक के वैज्ञानिक भी बने सिटीजन

रियाद। सऊदी अरब की सरकार ने उन लोगों को नागरिकता देने का फैसला लिया है, जो अपने पेशे में महारत रखते है। सऊदी सरकार वैज्ञानिकों, डॉक्टरों, शोधकर्ताओं, इंटरप्रेन्योर, कारोबारियों और दूसरे क्षेत्रों में नाम कमाने वाली प्रतिभाओं को नागरिकता दे रही है। इसके लिए सऊदी सरकार की ओर से आदेश जारी किया गया है।

न्यूज पोर्टल अरगाम की ओर से जारी लिस्ट के अनुसार सऊदी सरकार के इस फैसले के तहत सबसे पहले नागरिकता पाने वालों में पाकिस्तानी वैज्ञानिक महमूद खान और भारत के कालिद शामिल हैं। सऊदी नागरिकता प्राप्त करने वाले अन्य लोगों में सिंगापुर मूल की अमेरिकी वैज्ञानिक यिंग भी एक हैं। वह वर्तमान में नैनोबायो लैब की हेड हैं और उन्हें आधुनिक युग के 100 इंजीनियरों में से एक नामित किया गया था।

वैज्ञानिकों, डॉक्टरों, शोधकर्ताओं को नागरिकता देने जारी हुआ शाही फरमान

फ्लोरिडा विश्वविद्यालय से पढ़ी लेबनानी वैज्ञानिक निवेन खशाब को भी सऊदी नागरिकता मिली है। वह किंग अब्दुल्ला यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी की संस्थापक सदस्य हैं और 2009 से वहां रासायनिक विज्ञान और इंजीनियरिंग की एसोसिएट प्रोफेसर हैं। नून के सीईओ फराज खालिद को भी नागरिकता दी गई है। खालिद एक भारतीय उद्यमी हैं, जिन्होंने पेंसिल्वेनिया विश्वविद्यालय के व्हार्टन स्कूल से उद्यमी परियोजना प्रबंधन में एमबीए किया है।

वे ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म नून के सीईओ हैं और नामशी के संस्थापक हैं। अहमद मिरघानी को भी सऊदी का नागरिक बनाया गया है। मिरघानी एक सूडानी उद्यमी हैं। सीरियाई न्यूरोसर्जन अज्जुबी भी नागरिकता पाने वाले लोगों में हैं, जिन्होंने कई सफल सर्जरी की हैं। सरकार ने वैज्ञानिकों, डॉक्टरों, शोधकर्ताओं, इंटरप्रेन्योर, कारोबारियों और दूसरे क्षेत्रों में नाम कमाने वालों को नागरिकता देने के लिए ये शाही फरमान जारी किया है।

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