Mithilesh Yadav
6 Oct 2025
Shivani Gupta
6 Oct 2025
Hemant Nagle
6 Oct 2025
पुष्पेंद्र सिंह, भोपाल। प्रदेश के सरकारी विभागों में किराए के लग्जरी वाहन रखना अफसरों के लिए स्टेटस सिंबल बन गया है। शासन के बार-बार कहने के बाद भी अपात्र अफसर 30-30 लाख रुपए कीमत के लग्जरी वाहन किराए पर लेकर हर माह सरकारी खजाने पर करोड़ों का आर्थिक बोझ बढ़ा रहे हैं। संशोधित नियम के अनुसार सबसे महंगी कार 18 लाख रुपए तक की किराए से ली जा सकती है।
इस कीमत की कार में वही चल सकेगा जिसका वेतनमान मुख्य सचिव स्तर का हो। इससे महंगी कीमत की कार में चलने की पात्रता सीएस को भी नहीं है, परंतु भोपाल में ही एसडीओ, तहसीलदार और पीडब्ल्यूडी के इंजीनियर किराए की इनोवा क्रिस्टा में चल रहे हैं। हालांकि इस मामले में वरिष्ठ अधिकारी अपेक्षा करते हैं कि सभी जिम्मेदार नियमों का पालन करें।
1.वित्त विभाग ने जून 2025 में नए दिशा-निर्देश जारी किए।
2. सबसे महंगा वाहन रखने के लिए अधिकतम कीमत 18 लाख रुपए (शो-रूम प्राइज) तक होगी।
3. इस श्रेणी में वेतनमान के आधार पर आईएएस, आईपीएस और आईएफएस के अधिकारी पात्र होंगे।
4. छठवें वेतनमान के तहत ग्रेड वेतन 10 हजार रु. या ज्यादा पाने वाले अफसर ही लग्जरी वाहन के लिए पात्र होंगे।
प्रमुख सचिव स्तर के अफसर करीब 25-30 लाख रुपए कीमत की इनोवा क्रिस्टा में चल रहे हैं। संयुक्त संचालक जैसे अफसर भी इनोवा का उपयोग कर रहे हैं। पीडब्ल्यूडी, जल संसाधन, पीएचई, नगरीय प्रशासन सहित अन्य विभागों में भी अपात्र अफसरों ने लग्जरी वाहनों को किराए पर लिया है। करीब छह हजार से अधिक किराए के वाहनों से सरकार के खजाने पर हर माह औसतन 25 करोड़ रुपए से अधिक का भार आ रहा है।
वित्त विभाग ने सभी विभागों को आदेश दिए थे कि किराए के वाहनों की डिटेल भेजी जाए। किस विभाग में किस स्तर के अधिकारी के पास कितनी कीमत की कार किराए पर है या विभागों ने कौन से वाहन क्रय किए हैं, लेकिन चार माह बाद भी किसी विभाग ने जानकारी नहीं भेजी।